मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस में रजत जयंती महोत्सव की 5 सितम्बर तक रहेगी धूम

-आकर्षक रंगारंग कार्यक्रमों और नाटकों ने सबका मोहा मन
-प्रबंधकों ने मेवाड़ इंस्टीट्यशंस की 25 सालों की यात्रा की जानकारी दी

गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस का रजत जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। आकर्षक प्रेजेन्टेशन्स, वाद-विवाद प्रतियोगिता, पूर्व शिक्षकों एवं पुरातन विद्यार्थियों के सम्मेलन, रंगारंग कार्यक्रमों और नाटकों के मंचन ने सबका दिल जीत लिया। प्रबंधन ने भी अपने उद्बोधन में अपने इंस्टीट्यूशंस के 25 वर्षों की यात्रा में आये आरोह-अवरोह की जानकारी दी।

मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने नई शिक्षा नीति-2020 के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि मेवाड़ परिवार में जो एक बार शामिल हो गया उसे वह कभी नहीं भूलते। अब समय आ गया है कि मेवाडिय़न अपनी प्रतिभा का भरपूर प्रदर्शन कर दुनिया को तालियां बजाने पर मजबूर कर दें। उन्होंने कहा कि भारत के पास जो 75 करोड़ नौजवानों की ताकत है, उसे चैनलाइज करने की आवश्यकता है। इससे देश को सही दिशा मिलेगी और हम फिर से विश्वगुरु बनेंगे।

इंस्टीट्यूशंस के महासचिव सीए अशोक कुमार सिंहल ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य देश और समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं। हम शिक्षक हैं इसपर गर्व होना चाहिए। शिक्षक के पढ़ाये हुए बच्चे देश के महानायक बनते हैं। चंद्रयान-3 में जुटे 790 वैज्ञानिक भी उनके शिक्षकों की ही देन हैं। देश के प्रधानमंत्री भी उनके शिक्षक ने ही गढ़े हैं। इसलिए शिक्षक अपने आपको सबसे बड़ा समझें। स्वयं को महत्वपूर्ण मानें और देश के कर्णधारों में देशभक्ति की भावना का संचार करें। ताकि नौजवानों में देश एवं समाज के प्रति सेवाभाव जागे।

इस मौके पर नृत्य, एकल गायन, नाटक आदि के मंचन किये गये। मेवाड़ पर बनी एक विशेष डाक्यूमेंट्री प्रदर्शित की गई। विजेता विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र एवं शील्ड देकर पुरस्कृत किया गया। निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने भी इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि रजत जयंती महोत्सव 5 सितम्बर तक चलेगा। चार सितम्बर की शाम देश के नामी-गिरामी लोग शामिल होंगे। 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाएगा। इसमें संस्थान में 10 साल पूरे कर चुके लोगों, बाहरी स्कूल के प्रिंसिपल और संस्थान के शिक्षक-शिक्षिकाओं को सम्मानित किया जाएगा।