फर्जी शस्त्र लाइसेंस का सरदार निकला रिटायर्ड नायब सूबेदार, क्राइम ब्रांच की टीम ने दबोचा

-फैक्ट्री मेड 8 शस्त्र, मैगजीन बरामद, नोएडा व गाजियाबाद के कई लोगों के बना चुका फर्जी लाइसेंस

गाजियाबाद। क्राइम ब्रांच की टीम ने लोकसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर राज्य से फर्जी तरीके से अवैध शस्त्र लाइसेंस तैयार कराकर पिस्टल, रिवाल्वर, रायफल व बन्दूक खरीदवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए बुलंदशहर के रहने वाले रिटायर्ड आर्मी से नायक सूबेदार को गिरफ्तार किया है। जिसके कब्जे से 8 असलाह बरामद किए है।
एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया मंगलवार को क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने केन्द्रीय विद्यालय के पास से प्रमेन्द्र कुमार तेवतिया पुत्र स्व: राजवीर सिंह निवासी ग्राम गन्नौरा शेख शहर बुलंदशहर को गिरफ्तार किया है। जो कि अजय के मकान में किराये पर नियर जाट चौक ग्राम चिपियाना बुजुर्ग में रह रहा है। जिसके कब्जे से फैक्ट्री मेड 4 पिस्टल, 32 बोर मय मैगजीन, 1 रिवाल्वर 32 बोर, 2 रायफल 315 बोर मय मैगजीन, 1 अदद डबल बैरल बन्दूक 12 बोर, फर्जी शस्त्र लाइसेंस व फर्जी शस्त्र लाइसेंस तैयार करने की सामग्री, रबर स्टाम्प आदि बरामद किया गया।

एडीसीपी क्राइम ने बताया पकड़ा गया आरोपी बीए पास है और आर्मी में सेना पुलिस में नायब सूबेदार पद से रिटायर है। आर्मी में नौकरी के दौरान 2012-2013 मे जब उसकी पोस्टिंग मॉल कैम्प हिमाचल प्रदेश में थी। तो उसी दौरान वहां पर आर्मी वालों का शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए जम्मू-कश्मीर से 3-4 एजेंट आते रहते थे। प्रमेन्द्र को भी शस्त्र लाइसेंस बनवाना था, तो उन एजेंटों में से एक एजेंट अमित मुतरेजा उर्फ अनिकेत अवस्थी उर्फ अनिरूद्ध शास्त्री निवासी जयपुर राजस्थान व कृष्ण कुमार सोनी नामक व्यक्ति जो शस्त्र लाइसेंस बनवाने का काम करते थे, उन्होंने प्रमेन्द्र को कहा कि जम्मू एण्ड कश्मीर में हमारी जान पहचान हैं। तुम्हे थोड़े से पैसे खर्च करने पडेंगे, हम ही तुम्हारा शस्त्र लाइसेंस बनवाकर दे देंगे तो प्रमेन्द्र ने चक्कर काटने से बचने के लिए अमित मुतरेजा को 15 हजार रुपये और अपना पहचान पत्र व अन्य कागज दिए थे। अमित मुतरेजा ने जम्मू एण्ड कश्मीर के किश्तवाड़ जनपद से प्रमेन्द्र का शस्त्र लाइसेंस बनवा दिया था और कहा कि मेरी जम्मू-कश्मीर मे शस्त्र लाइसेंस बनाने वालो से अच्छी बात है। तुम्हारा कोई भी जानकारी हो जो आर्मी की नौकरी न करता हो तो भी मैं उसका शस्त्र लाइसेंस बनवा दूंगा। लेकिन उसमें खर्चा ज्यादा आएगा और उसमे प्रमेन्द्र को कमीशन भी देगा। अमित की यह बात सुनकर प्रमेन्द्र के मन में लालच आ गया। उसके बाद प्रमेन्द्र ने गाजियाबाद व नोएडा के अपने जानने वाले कुछ लोगो से सम्पर्क करके अमित मुतरेजा के साथ मिलकर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए उन लोगो के पहचान पत्र, अन्य कागजात व रुपये लेकर उनके कागजो में कुछ और फर्जी कागजात लगाकर जम्मू कश्मीर के जनपद किश्तवाड व कुपवाडा में जिलाधिकारी कार्यालय के शस्त्र विभाग में कुछ अधिकारी कर्मचारियों के साथ सेटिंग से उनके फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवा दिए थे।

कुछ लोगों के कागजों की छायाप्रति प्रमेन्द्र ने अपने पास रखी थी। पिस्टल का लाइसेंस बनवाने के लिए प्रमेन्द्र उन लोगो से 80000 रुपये प्रति लाइसेंस व रायफल के लाइसेंस के 90000 रुपये प्रति लाईसेंस लिए थे। पूरी प्रक्रिया समझने व देखने के बाद प्रमेन्द्र लगा कि जम्मू कश्मीर से शस्त्र लाइसेंस बनाना बहुत आसान है तो उसने वहाां के शस्त्र कार्यालय में सैटिंग से कुछ सादी (बैंक) शस्त्र लाइसेंस की किताबें निकलवा ली थी। बाद में उसने उन सादा शस्त्र लाइसेंस की किताबों को अपने शस्त्र लाइसेंस के जैसा तैयार कर उनमें अपने लाइसेंस के यूनिक नम्बर में हेरा फेरी करके फर्जी बनवायी गयी स्टॉम्प लगाकर तैयार कर फर्जी शस्त्र लाइसेंस बना दिए और जिसका लाइसेंस होता उसे शस्त्र दिलवाने के लिए प्रमेन्द्र स्वयं आर्मी की वर्दी पहनकर फर्जी शस्त्र लाइसेंस लेकर गन हाउस पर जाकर शस्त्र पिस्टल/रायफल/रिवाल्वर/बंदूक दिलवा देता था। प्रमेन्द्र ने उन लोगों को फर्जी लाइसेंस पर शस्त्र मेरठ, बुलन्दशहर व नोएडा स्थित गन हाउस से खरीदवाये थे, जिन लोगो को प्रमेन्द्र ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस दिये थे। उनको यह जानकारी नहीं थी कि उनके शस्त्र लाइसेंस फर्जी है। प्रमेन्द्र के वर्दी में होने के कारण गन हाउस वालों को भी प्रवेन्द्र के ऊपर शक नहीं होता था। शस्त्र लाइसेंस का रिन्यूअल करवाने के लिए प्रमेन्द्र शस्त्र लाइसेंस धारकों से 5-5 हजार रूपये लेकर कुछ दिनो बाद फर्जी तरीके से स्वयं ही मोहर लगाकर व तारीख लिखकर उनको वापस दे देता था बाद में  पुन: शस्त्र का रिन्यूअल कराने के लिए उन लोगों ने प्रमेन्द्र को शस्त्र व लाइसेंस और पैसे दिये थे।

इसी दौरान प्रमेन्द्र व अमित मुतरेजा उपरोक्त का पैसो के लेनदेन को लेकर झगडा होने पर आपस में मुकदमे बाजी हो गयी। जिसमें पुलिस प्रमेन्द्र के घर उसे पकडने के लिए जाती थी, इसलिए उसने डर के मारे सारे शस्त्र लाइसेन्स नष्ट कर दिये थे और असलहे छिपा दिये थे। उसके बाद प्रमेन्द्र जेल चला गया जेल से आने के बाद सभी लाइसेंसधारी बार-बार प्रमेन्द्र से अपने शस्त्र लाइसेंस को रिन्यूवल कराने व शस्त्र वापस देने के लिए कह रहे थे, तो प्रमेन्द्र इस प्रयास मे था कि किसी तरह फर्जी तरीके से पुन: शस्त्र लाइसेंस बनाकर व उस पर स्टॉम्प आदि लगाकर उन्हे वापस कर दे। अब चुनाव का माहौल चल रहा है तो प्रमेन्द्र को डर था कि कहीं पुलिस को यह सब पता न चल जाये और उसके घर छापा न मार दें इसलिये वह इसे जल्दी बनाकर वापस देने के प्रयास में था। मगर उससे पहले ही क्राइम ब्रांच की टीम ने दबोच लिया। आरोपी ने नोएडा व गाजियाबाद के कई लोगों के साथ धोखाधड़ी कर फर्जी तरीके से जम्मू-कश्मीर राज्य के किश्तवाड़ व कुपवाडा जनपद में सेटिंग करके फर्जी तरीके से लोगों के शस्त्र लाइसेंस बनवाया है। जिनकी जानकारी जुटाई जा रही है।