गुलामी के प्रतीक भूमि कानून लीज होल्ड को देश के अमृत काल में बदलने की है आवश्यकता: राकेश अनेजा

-आईआईए ने की लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड करने की मांग
-उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को तीव्र करने के लिए औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड करना अनिवार्य
-लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड करने से उद्योग चलाना होगा आसान

गाजियाबाद। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) ने प्रदेश सरकार से एमएसएमई की लीज भूमि को फ्री होल्ड करने की मांग की है। शुक्रवार को एमएसएमई सेक्टर से जुड़ी समस्याओं को लेकर संजय नगर स्थित होटल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान चेयरमैन राकेश अनेजा ने बताया इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) जो उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा औद्योगिक संगठन है। विगत कई वर्षो से प्रदेश में लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड करने की मांग को उठा रहा है। इसका कारण है कि यूपीसीडा अथवा उद्योग निदेशालय द्वारा उद्यमियों को दी गयी लीज होल्ड भूमि पर यदि उद्यमी को अपने उद्योग में कोई नया उत्पाद बनाना है, बैंक लिमिट में बदलाव करना है, उम्र ढलने के बाद अपने खूनी रिश्ते में ही उद्योग को हस्तगत करना है, उद्योग की भूमि एवं भवन किराये पर देना हों अथवा भूमि का अमल्गमेशन या सपरेशन करना है तो इन सभी कार्यों को करने के लिए उद्यमी को यूपीसीडा उद्योग निदेशालय की अनुमती लेना अनिवार्य होता है। इस कार्य को कराने के लिए उद्यमियों को इन सरकारी दफ्तरों के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते हैं और कुछ मामलों में उद्यमी भ्रष्टाचार का भी शिकार हो जाते हैं।

प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए सरकार ने अनेक योजनाओं की घोषणा की है। लेकिन प्रदेश के उद्यमियों को औद्योगिक भूखंड आवश्यकता अनुसार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। दूसरी ओर वर्तमान में अनेक उद्यमियों के पास अपनी आवश्यकता से अधिक भूमि उपलब्ध है और एमएसएमई अक्सर वित्तीय समस्याओं से भी जूझ रहे होते हैं। इसको देखते हुये यदि वर्तमान उद्यमियों जिनके पास आवश्यकता से अधिक भूमि है को अपने औद्योगिक भूखंड का कुछ हिस्सा भू उपयोग के परिवर्तन के बिना बेचने की अनुमति मिल जाती है तो प्रदेश में औद्योगिक भूमि की कमी आंशिक रूप से हल हो जायेगी। यह स्थिति सरकार की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की नीति के भी विपरीत है। उल्लेखनीय है कि लीज होल्ड पर भूमि देने का कानून अंग्रेजों के समय से चला आ रहा है, जब अंग्रेजी शासन द्वारा देशवासियों को गुलाम बनाकर रखा गया था। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश में आजादी के इस अमृत काल में गुलामी के प्रत्येक अंश से मुक्ति पाने का प्रण लिया है। उद्यमियों की सहूलियत को देखते हुए लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड किया जाना औद्योगिक विकास को गति देने के लिए बहुत जरुरी हो गया। ऐसा करने से प्रदेश सरकार को भी लाभ होगा। प्रशासनिक परेशानियां कम होने से उद्यमियों के समय की बचत होगी, जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास तीव्र होगा। प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद और राजस्व में वृद्धि होगी, जिससे सरकार का 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी शीघ्र पूरा होगा।

फ्री होल्ड भूमि पर नए औद्योगिक निवेश के अवसर पैदा होंगे जो सरकार की भी प्राथमिकता है। नए रोजगार सृजित होंगे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार ढूंढने बाहर नहीं जाना पड़ेगा। लीज होल्ड से फ्री होल्ड करने पर जो फीस सरकार को मिलेगी, उससे सरकार नये औद्योगिक क्षेत्र सृजित कर सकेगी। राकेश अनेजा ने कहा कि देश के कुछ राज्यों द्वारा लीज होल्ड भूमि से उद्योगों को होने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए इसे फ्री होल्ड करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें हरियाणा, दिल्ली, वेस्ट बंगाल एवं कर्नाटक मुख्य रूप से शामिल हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश उद्योग निदेशालय के औद्योगिक क्षेत्रों में फ्री होल्ड पालिसी लागू तो है परन्तु यह केवल 1 हेक्टेयर या उससे बड़े भूखंडों पर ही लागू है। अत: इस सुविधा से प्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु उद्योग पूर्णत: वंचित हैं।

आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल द्वारा हाल ही में 30 नवंबर को लखनऊ में आयोजित उद्यमी महासम्मेलन में मुख्यमंत्री को पत्र भी सौंपा गया था, जिसमें उद्योग की लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड करने की मांग की गई थी। नीरज सिंघल ने अपने प्रतिवेदन में यह भी स्पष्ट किया कि लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड केवल इस शर्त के साथ ही परिवर्तित किया जाए कि इस भूमि का उपयोग किसी भी परिस्थिति में न बदला जा सकें। इससे औद्योगिक क्षेत्र का स्वरूप भी नहीं बदलेगा और अतिरिक्त भूमि पर नए उद्योग भी स्थापित होंगे, जिससे सरकार का राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ नए रोजगार भी सृजित होंगे। सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि गाजियाबाद में 12 औद्योगिक क्षेत्र है। सभी 12 औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमी लीज होल्ड होने से परेशान है। सरकार अगर बाजार मूल्य तय कर औद्योगिक भूखंडों को फ्री होल्ड करती है तो उद्यमियों को कोई आपत्ति नहीं होगी। प्रेसवार्ता के दौरान एसके शर्मा, कोषाध्यक्ष संजय गर्ग, मनोज कुमार, प्रदीप गुप्ता, यश जुनेजा, अमित नागलिया, साकेत अग्रवाल इत्यादि मौजूद रहे।