गाजियाबाद। विजय नगर थाना क्षेत्र में तीन साल पूर्व महिला के अपहरण के बाद हत्या की घटना का क्राइम ब्रांच और विजय नगर पुलिस की संयुक्त टीम ने खुलासा किया है। तीन साल पूर्व महिला के अपहरण के बाद हत्या की घटना के खुलासे लेकर जहां एक तरफ पुलिस की भी लापरवाही सामने आई है। महिला के अपहरण के बाद विजय नगर पुलिस ने भी अपनी कार्रवाई में कोई तेजी नहीं दिखाई। गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज होने के बाद आसपास के जिलों में न इसकी जानकारी भेजी गई जिससे महिला की तलाश हो सकें। वहीं गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने भी अज्ञात में महिला का अंतिम संस्कार कर दिया। अगर विजय नगर और गौतमबुद्ध नगर पुलिस थोड़ी भी इसमें तेजी दिखाती तो शायद हत्यारें पूर्व में ही जेल जा चुके होते। जैसे ही मृतक की बेटी ने पुलिस को अपनी मां के हत्या के बारे में सूचना दी तो डीसीपी राजेश कुमार ने बिना देरी किए मुकदमा दर्ज कर घटना के खुलासे के लिए विजय नगर पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच की टीम को भी इस पर लगा दिया। जिसका परिणाम यह रहा कि मुकदमा दर्ज होने के अगले दिन ही आरोपी सलाखों के पीछे भेज दिया। गाजियाबाद डीसीपी सिटी का चार्ज लिए भले ही एक सप्ताह हुए है। मगर इतने कम समय में डीसीपी ने दो हत्या की घटना का खुलासा कर दिया है।
हरसांव स्थित पुलिस लाइन में गुरुवार को फिरदौस हत्याकांड की घटना का खुलासा करते हुए डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी और विजय नगर पुलिस की संयुक्त टीम ने फिरदौस के पति इंतजार, भतीजे शादाब और वसूली कर हत्या करने वालों में से परवेज को गिरफ्तार किया है। फिरदौस की हत्या उसके पति इंतजार ने ही सुपारी देकर कराई थी। आरोपी पत्नी पर दोस्तों से शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालता था। जिसका पत्नी इसका विरोध करती थी, जिसके चलते उसकी हत्या कराकर शव गौतमबुद्ध नगर क्षेत्र में फेंक दिया।
डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि बागपत के गांव पावला खेड़ी निवासी फिरदौस का निकाह करीब 24 साल पूर्व वेल्डिंग का काम करने वाले विजयनगर थानाक्षेत्र के गांव मिर्जापुर निवासी इंतजार उर्फ इंतु से हुआ था। शादी के बाद से ही फिरदौस और इंतजार के बीच झगड़े होने लगे थे। जिसके चलते वर्ष 2020 में फिरदौस ने पति के खिलाफ विजयनगर थाने में केस दर्ज कराया था। साथ ही, खर्चे का एक वाद कोर्ट में भी दायर किया था। इसमें इंतजार के भाइयों और भतीजों को भी आरोपी बनाया था।
फिरदौस का आरोप था कि पति उस पर दोस्तों के साथ संबंध बनाने का दबाव डालता था। पति के दोस्त और भतीजे की उसकी बेटियों पर बुरी नजर रखते थे। इस कारण से फिरदौस बच्चों को लेकर एक ही घर में पति से अलग हो गई थी। जिसके चलते इंतजार व उसके भाई व भतीजे परेशान हो गए थे। जिस कारण इंतजार ने भतीजे शादाब के साथ मिलकर फिरदौस की हत्या योजना बनाई। डीसीपी सिटी का कहना है कि शादाब ने इंतजार को गांव के बदमाश सोनू, परवेज, जेपी उर्फ अरशद, नौशाद और सलीम से मिलवाया और पांच लाख में फिरदौस की हत्या की सुपारी दिलवाई। फिरदौस की हत्या के लिए इंतजार ने प्लॉट बेचकर रकम दी थी। फिरदौस के नाम एक प्लॉट था, जिसे बेचने के लिए इंतजार दबाव बनाता था। साथ ही, फिरदौस के पिता को दिए 12 लाख रुपये वापस न आने पर वह फिरदौस के साथ मारपीट करता था। वहीं, एक बार शादाब ने बुरी नीयत से फिरदौस की बेटी को पकड़ लिया था। इस पर हंगामा हुआ था। घटना में शामिल नौशाद लूट के मामले में जेल में बंद है। फरार तीन आरोपियों की तलाश की जा रही। जिन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस से बचने के लिए हत्या के अगले दिन पति ने लिखवाई गुमशुदगी
डीसीपी सिटी के अनुसार 1 नवंबर 2021 को फिरदौस बेटी को स्कूल छोड़कर घर लौट रही थी। रास्ते से ही बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया था। आरोपी परवेज ने बताया कि वह फिरदौस को नोएडा की और ले गए और सीट बेल्ट से गला घोंटकर हत्या कर दी। बाद में रबूपुरा थाना क्षेत्र में शव फेंककर लौट आए। योजना के तहत, इंतजार ने अगले दिन यानि दो नवंबर को विजयनगर थाने में पहुंच कर गुमशुदगी दर्ज कराई, लेकिन पुलिस फिरदौस का पता नहीं लगा सकी थी।
बेटी की हिम्मत ने खोला मां की हत्या का राज
हाल ही में इंतजार और शादाब नशे में फिरदौस की हत्या के बार में बात कर रहें थे। जिसे उसकी बेटी ने सुन लिया था। बेटी ने यह बात अपनी बहन को बताई तो उसने चुप रहने में ही भलाई समझी। क्योंकि बच्चों को डर था कि कहीं मां की तरह उनकी भी हत्या न कर दी जाए। हालांकि बेटी फिजा ने हिम्मत जुटाते हुए यह बात पुलिस तक पहुंचा दी। जिसके बाद डीसीपी ने बिना देरी किए घटना के खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच और विजय नगर पुलिस टीम का गठन किया। जब इंतजार को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो सारी बात उसने उगल दी। डीसीपी का कहना है कि महिला की हड्डियों और बेटियों का सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट कराया जाएगा।