विश्व दिव्यांगता दिवस पर कैमकुस कॉलेज ने निकाली रैली

  • जागरूकता के लिए जगह-जगह हुए नुक्कड़ नाटक
  •  दिव्यांगों की सेवा नारायण सेवा के समान: अमिताभ सुकुल

गाजियाबाद। भागीरथ सेवा संस्थान द्वारा संचालित कैमकुस कॉलेज ऑफ स्पेशल एजुकेशन एंड रिसर्च द्वारा अन्तराष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस के अवसर पर शनिवार को शाहपुर मोरटा में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कॉलेज से स्पेशल एजुकेशन की शिक्षा ले रहे छात्र-छात्राओं ने गांव में रैली निकाली और घूम-घूम कर नुक्कड़ नाटक किये। कार्यक्रम के दौरान 5 दिव्यांग बच्चों एवं परिजनों को व्हील चेयर भी वितरित किया गया।

मुख्य अतिथि नूतन द्विवेदी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दिव्यांग बच्चों को व्हील चेयर वितरित करते हुए हरी झंडी दिखाकर दिव्यांगता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए निकली रैली को रवाना किया। उसके पहले स्टूडेंट्स ने उन्हें नुक्कड़ नाटक करके दिखाया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आशुतोष डायरेक्टर, न्याय एवं विधि मंत्रालय भारत सरकार और संस्थान के सचिव करुणाकर शुक्ला, कोषाध्यक्ष अनादि सुकुल ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

भागीरथ सेवा संस्थान के निदेशक अमिताभ सुकुल ने कहा कि दिव्यांगों की सेवा वास्तव में नारायण सेवा है, क्योंकि दिव्यांगजन में स्वयं ईश्वर का वास होता है। दिव्यांगता के क्षेत्र में जितना भी काम किया जाए वह कम है। आज एकजुट होकर मानवता के लिए काम करने की बहुत जरूरत है। उन्होंने कहा दिव्यांग व्यक्ति को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उसकी जितनी मदद हो सके, करनी चाहिए। अगर कोई दिव्यांग सड़क को पार करने के लिए किनारे खड़ा है तो लोग उसे देखकर आगे निकल जाते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। व्यक्ति को सड़क पार करवाना चाहिए। इस संबंध में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक होना होगा। ऐसे कार्यो में बच्चों की एक अहम भूमिका है।

कॉलेज के कोआर्डिनटर (आईडीडी) माहेश्वरी चौधरी ने कहा कि पहले दिव्यांगता अभिशाप मानी जाती थी लेकिन अब हालत बदले हैं, फिर भी देहात क्षेत्रों में अभी जागरूकता की काफी जरूरत है। कोर्स कोआर्डिनटर (एचआई )विकास तिवारी ने बताया कि डिसएबिलिटी के नाम पर समाज महज कुछ ही बिमारियों के बारे में जानता है, जबकि आज 21 तरह की बीमारियों को दिव्यांगता में शामिल किया जा चुका है। जब तक इनके बारे में जानकारी नहीं होगी, तबतक समस्या का निवारण भी नहीं होगा।