योजनाओं को सफल बनाने के लिए बैंक गु्रपों पर की मजिस्ट्रेट की तैनाती

जिलाधिकारी ने की पीएम स्वनिधि योजना की समीक्षा

गाजियाबाद। भारत सरकार सड़कों के किनारे पथ-विक्रेताओं के लिए पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना लाई है। यह योजना वित्त पोषित केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। जिसके द्वारा पात्र पथ विक्रेताओं को 10 हजार की धनराशि की कार्यशील पूंजी ब्याज अनुदान आधारित आसान ऋण पर उपलब्ध कराई जाएगी। यह नियमित धन वापसी आधारित है एवं डिजीटल लेन-देन को प्रोत्साहित करती है। जनपद स्तर पर इस योजना का क्रियान्वयन नगर निगम स्थित डूडा कार्यालय द्वारा कराया जा रहा है। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने सोमवार को आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने इस योजना के महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि यह योजना जनपद गाजियाबाद की समस्त नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में संचालित होगी। योजना का लाभ शहरी पथ विक्रेता एक वर्ष की अवधि के लिए 10 हजार रुपए तक के कार्यकारी पूंजी ऋण प्राप्त करने और ऋण वापसी मासिक किश्तों में करने के पात्र होंगे। इस ऋण के लिए कोई कोलेट्रल नहं लिया जाएगा। समय पर या जल्द ऋण वापसी करने वाले विक्रेता संवर्धित सीमा वाले अगले कार्यकारी पूंजी ऋण के पात्र होंगे। इस योजना के अंतर्गत ऋण प्राप्त करने वाले विक्रेता 7 प्रतिशत की दर पर ब्याज सब्सिडी के पात्र होंगे। समीक्षा के दौरान परियोजना अधिकारी (डूडा) ने बताया कि बैंकर्स द्वारा ऑनलाइन आवेदन पिक्ड होने के बाद भी ऋण स्वीकृत/वितरण नहीं किया जा रहा है। बैंकों द्वारा इस कार्य में अपेक्षित सहयोग प्रदान नहीं किया जा रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने कड़ा रूख अपना कर योजना से जुड़े बैंकों के ग्रुप बनाकर प्रत्येक गु्रप पर एक-एक मजिस्टे्रट की तैनाती किए जाने का निर्णय लिया है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि नामित मजिस्टे्रट अपने-अपने बैंकों में ऑनलाइन आवेदन पिक्ड होने के बाद ऋण स्वीकृत/वितरण की कार्रवाई समयबद्ध रूप से सुनिश्चित कराएंगे। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार की इस योजना में जनपद स्तर पर यदि किसी के द्वारा लापरवाही एवं शिथिलता बरतने का मामला संज्ञान में आता है, तो संबंधित के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। उक्त समुचित कार्यवाही के लिए अपर जिलाधिकारी (भू.अ.) को निर्देश दिए गए हैं।