प्रशासन की सख्ती के बाद भी तीमारदारों को इंजेक्शन के लिए दौड़ा रहे अस्पताल

-परिजनों की शिकायत पर पुलिस-प्रशासन ने अस्पताल में मारा छापा, 12 वायल बरामद

गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और अस्पतालों में बेड नहीं होने से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन बाहर से लाने के लिए अस्पताल प्रबंधन लोगों को खूब दौड़ा रहे है। मगर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। लोहियानगर स्थित नागर हॉस्पिटल में जहां 250 रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोई लेखा-जोखा नहीं मिलने के बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे ही ऑलोकी अस्पताल में शिकायत मिलने के बाद एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा एवं नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश कुमार ने टीम के साथ अस्पताल में छापा मारा। अस्पताल में 12 वायल बरामद की गई। जबकि मरीज के तीमारदार को रेमडेसिविर बाहर से लाने के लिए दौड़ाया गया। अस्पताल पर कार्रवाई के लिए टीम ने उच्चा धिकारियों को रिपोर्ट बनाकर भेजी गई। इसके साथ ही मरीज के लिए अस्पताल से ही रेमडेसिविर दिलाया गया। एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा ने बताया कि अस्पतालों को मरीजों के लिए खुद ही रेमडेसिविर इंजेक्शन का प्रबंध करना है। ऐसे में मरीज के तीमारदार को बाहर से इंजेक्शन लाने के लिए भेजा गया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार ने बताया कि मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का जो अस्पताल प्रबंध नहीं करेगा। उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी जाएगी। अगर इंजेक्शन खत्म हो गया है तो वह आपात स्थिति में जिला प्रशासन से मांग कर सकते हैं लेकिन मरीज के तीमारदार को बाहर से इंजेक्शन लाने के लिए नहीं दौड़ा सकते। इस संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जिला प्रशासन द्वारा पहले जारी की जा चुकी हैं। आलोकी अस्पताल द्वारा मरीज के तीमारदार को बाहर से इंजेक्शन लगाने के लिए भेजा जा रहा था। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी ग्रामीण डॉ.ईरज राजा ने बताया कि छापेेमारी के दौरान अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन के स्टॉक की जांच की गई। उसका हिसाब मांगा गया तो गड़बड़ी मिली। किस मरीज को इंजेक्शन लगाया गया है किस मरीज को नहीं इसकी जानकारी भी मरीज के इलाज के पर्चे पर नहीं लिखी गई थी।इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर अधिकारियों को भेजी गई हैं।