विद्युत कर्मियों ने किया 24 घंटे का कार्य बहिष्कार

-ऊर्जा निगमों में नकारात्मक कार्य प्रणाली का बोलबाला

गाजियाबाद। चेयरमैन पावर कारपोरेशन की नकारात्मक एवं उत्पीडऩात्मक कार्यप्रणाली के विरोध में पूरे पश्चिमांचल डिस्कॉम में बिजली अभियंता, कर्मचारी एवं संविदाकर्मियों ने बुधवार को आन्दोलन और तेज करते हुए पूर्ण कार्य का बहिष्कार किया। प्रबन्धन स्तर की सभी बैठकों व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का भी बहिष्कार किया गया। संघर्ष समिति के समस्त घटक दलों ने प्रबन्धन की अभियंता, कर्मचारी एवं संविदाकर्मिया की समस्याओं के प्रति उपेक्षात्मक एवं नकारात्मक कार्यशैली का विरोध किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले सभी अभियंता, कर्मचारी एवं संविदाकर्मी पूरे पश्चिमांचल डिस्कॉम में बुधवार सुबह से 24 घंटे का कार्य बहिष्कार किया। पूरे पश्चिमांचल डिस्कॉम के सभी 14 जनपदों में पूर्ण कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन और कारपोरेशन में नकारात्मक कार्य प्रणाली को समाप्त कर कार्य का स्वस्थ्य वातावरण प्रदान करने की मांग की।

गाजियाबाद के संयोजक ई0 अवधेश कुमार ने बताया कि सभी ऊर्जा निगमों के समस्त अभियन्ता, कर्मचारी मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री के सबको बिजली हरदम बिजली संकल्प को साकार करने के लिए सातों दिन 24 घंटे कार्यरत है। किसी भी प्रबन्धन को अपने अधीनस्थों पर पूर्ण विश्वास करते हुए हर समय उनका मनोबल बढ़ाये रखना चाहिए जिससे समस्त अधीनस्थ रचनात्मक सहयोग प्रदान करते हुए बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान कर सकें। मगर वर्तमान ऊर्जा निगम प्रबन्धन अभियंताओं, जूनियर इंजीनियर, कर्मचारियों को टारगेट कर उनके खिलाफ उत्पीडऩात्मक कार्यवाही करने की ओर अग्रसर है। जिससे ऊर्जा निगमों में नकारात्मक कार्य प्रणाली का बोलबाला है एवं धरातल पर कार्य करने हेतु समय नहीं दिया जा रहा है। पूरे प्रदेश के विद्युत कार्मिक अत्यन्त मानसिक कष्ट में है एवं आक्रोषित हैं।
उन्होंने बताया 14 सितंबर 2021 की रात को लगभग 2 दर्जन अभियन्ताओं को अन्य डिस्कॉम में स्थानान्तरित कर दिया गया है तथा उनके खिलाफ कथित अनियमितता का आरोप लगाकर अभियंताओं की छवि को धूमिल किया जा रहा है। इसके अलावा बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करने के लिए आवश्यक उपकरण, मैन पावर एवं मनी की कोई भी पूर्ति करने में प्रबन्धन पूर्ण रूप से असफल रहा है।

अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए अभियन्ताओं, अवर अभियंताओ औऱ कर्मचारियों को डरा-धमकाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जिससे विद्युत कर्मियों का मनोबल तोड़ जा सकें। आन्दोलन के चलते पश्चिमांचल के अभियन्ता, अधिकारी व अवर अभियंता विभागीय व्हाट्सअप ग्रुप से एग्जिट होकर अपना विरोध दर्ज करा चुके है और होने वाली सभी विडियो कॉफ्र्रेसिंग का बहिष्कार जारी है। कारपोरेशन के चेयरमैन की ओर से समाचार पत्रों में बताय कि प्रबन्धन द्वारा कर्मचारी संघों एवं संगठनों के साथ उनकी समस्याओं का निस्तरण शीघ्र कराया जाता है और प्रबन्धन संगठनों से वार्ता के लिए सदैव तत्पर रहता है, जबकि सच्चाई इसके विपतरित है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति एवं समिति के विभिन्न घटक दलों के पत्रों एवं उनपर हुई वार्ताओं तथा समस्याओं के निराकरण पर प्रबन्धन द्वारा की गई सार्थक कार्यवाहियों का ब्योरा सार्वजनिक किया जाये। जिससे यह स्पष्ट हो सके कि प्रबन्धन कर्मचारी समस्याओं के प्रति कितना संवेदनशील है।

मांग है कि वर्तमान में अभियन्ताओं/कर्मचारियों के पदवार स्वीकृत पदों एवं रिक्त पदों का विवरण के साथ-साथ मानकों के अनुरूप आवश्यक मैन, मनी एवं मैटीरियल तथा वास्तविकता में उपलब्ध मैन, मनी एवं मैटीरियल का विवरण भी सार्वजनिक किया जाये। जिससे स्पष्ट हो सके कि प्रबन्धन द्वारा कितने अभियन्ताओं/कर्मचारियों को पदोन्नितयों से वंचित किया गया है तथा क्षेत्रों में धरातल पर कार्य करने हेतु अभियन्ताओं /कर्मचारियों/संविदाकर्मियों को कितना संसाधन उपलब्ध कराया गया है। प्रदर्शन के दौरान अनिल चौरसिया, आलोक त्रिपाठी, सौरभ राय, विशाल कंसल, एसपी सिंह, अवनीश, राजीव आर्या, गुलशन गोयल, यादवेंद्र, रंजीत जायसवाल,उमेश पाल, शेर सिंह त्यागी, पंकज भारद्वाज, रामनरायन, केके सोलंकी, पतंजलि, रविन्द्र कर्दम, अरविंद सूर्या, नरेश पाल, आदि उपस्थित रहे।