राष्ट्रीय वेबीनार : पीएम मोदी के उद्बोधन के बाद डॉ. उपासना अरोड़ा ने की अह्म चर्चा

यशोदा हॉस्पिटल कौशांबी में आयुष्मान भारत योजना के लिए होगी विंग

गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के केंद्रीय बजट वेबिनार का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित बजट के बाद वेबिनार की श्रृंखला में यह 5वां वेबिनार है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के स्वास्थ्य पेशेवर और पैरा-मेडिक्स, नर्सिंग, स्वास्थ्य प्रबंधन, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान के पेशेवर मौजूद रहे। पीएम मोदी के उद्बोधन के बाद यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशाम्बी की निदेशक डॉ. उपासना अरोड़ा ने भी विचार व्यक्त किए। डॉ. अरोड़ा ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन पर पैनल चर्चा में हिस्सा लिया। इस बीच यशोदा हॉस्पिटल कौशाम्बी में एक विंग को आयुष्मान भारत योजना के लिए समर्पित कर दिया गया है। वेबीनार में प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सफलतापूर्वक चलाने के लिए स्वास्थ्य जगत को बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा कि ये बजट पिछले 7 साल से हेल्थकेयर सिस्टम को सुधारने और परिवर्तित करने के प्रयासों को आगे ले जाने के लिए बल देता है। हमने अपने हेल्थकेयर सिस्टम में सबके लिए सोच वाली नीति को अपनाया है। पीएम मोदी के उद्बोधन के बाद डॉ. उपासना अरोड़ा ने एक पैनल चर्चा में विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेशन की मदद से मरीजों को डॉक्टर, अस्पताल या नजदीकी ट्रॉमा सेंटर चुनने में आसानी होगी। मरीजों के लिए यह भी सुविधाजनक होगा कि जब वे अलग-अलग शहरों की यात्रा करेंगे और मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में उनका स्वास्थ्य रिकॉर्ड देशभर के सभी शहरों में उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि हब एंड स्पोक मॉडल के अनुसार बड़े शहरों एवं बड़े अस्पतालों में बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर दूर-दराज के क्षेत्रों में जरूरतमंद मरीजों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से परामर्श कर सकते हैं। कोविड के समय हम पहले ही देख चुके हैं कि यह टेलीमेडिसिन एक सिद्ध मॉडल के रूप में काम करता है।

जहां मरीज जो अस्पताल नहीं जा पा रहे थे, वे इसका उपयोग बहुत आसानी से कर रहे थे। डॉ. उपासना अरोड़ा ने कहा कि वह आज पीएम मोदी की बातचीत से प्रेरित हुईं और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के लक्ष्य की परिकल्पना में वह अपने अस्पताल के एक विंग को आयुष्मान भारत योजना के लिए समर्पित करने की घोषणा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण से देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। क्योंकि इसमें और अधिक आईटी इंजीनियर और संबंधित पेशेवर शामिल होंगे। एक पोटर््ल के तहत एकत्र किया गया स्वास्थ्य डेटा अनुसंधान के लिए उपयोगी होगा, रोग की सभी जानकारी और इसके पैटर्न का पता लगाने के लिए और वैज्ञानिक और सरकार इसके उचित समाधान के लिए इस डाटा का उपयोग कर सकते हैं।

पैनल डिस्कशन में वी.के. पॉल (नीति आयोग), डॉ. प्रवीण गेदम, अतिरिक्त सीईओ, एनएचए, डॉ देवी शेट्टी (अध्यक्ष, नारायण स्वास्थ्य), सुश्री अमीरा शाह (एमडी, मेट्रोपोलिस लैब), डॉ. हर्ष महाजन (अध्यक्ष, नैटहेल्थ), राजीव वासुदेवन, सीआईआई और अयूर वैद्य ने इस विषय पर चर्चा कर अपने सुझाव दिए। बता दें कि 2021 में भारत सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत डिजिटल हेल्थ आईडी योजना को लॉन्च किया था। जिस पर विस्तार से चर्चा की गई। देश के हर शख्स की एक डिजिटल हेल्थ आईडी जल्दी बन सके, जिससे इस कार्ड की मदद से देश में मौजूद किसी भी अस्पताल में किसी भी डॉक्टर से लोग अपना इलाज करा पाएं, इस बात पर बल दिया गया।