महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर मेवाड़ में बही देशभक्ति की धारा

-महात्मा गांधी और शास्त्री देश के अनमोल रत्न: डॉ. अशोक कुमार गदिया

गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ गु्रप ऑफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा शुक्रवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 127वीं जयंती पर आयोजित समारोह में विद्यार्थियों ने देशभक्ति कविताओं व अपने विचारों के जरिये महापुरुषों को याद किया। चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने विद्यार्थियों से कहा कि महात्मा गांधी और शास्त्री जी हमारे देश के अनमोल रत्न हैं। गांधी जी ने स्वतंत्रता आंदोलन को जन आंदोलन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की तो शास्त्री जी ने अपनी सूझ-बूझ से देश को स्वावलम्बी बनाया। डॉ. गदिया ने कहा कि गांधी जी के सुराज से ही हम आत्मनिर्भर बन सकते हैं। अपने देश के विकास में ही हम सबका विकास निहित है।उन्होंने महात्मा गांधी व शास्त्री जी के जीवन से जुड़े अनेक प्रसंग सुनाये। उन्होंने बताया कि गांधी जी सम्पन्न परिवार से होने के बावजूद सादा जीवन जिये और आम आदमी की तरह जनता के बीच रहे, इसीलिए उनका आंदोलन जन आंदोलन बना। अंग्रेजों से उन्होंने जनता के बूते स्वाधीनता छीनी। जनता की आवाज बने, तभी गांधी जी राष्ट्रपिता कहलाये। इसी प्रकार साधारण कद-काठी होने के बावजूद शास्त्री जी ने असाधारण कार्य किये। अन्न संकट से देश की जनता को छुटकारा दिलाया। दोनों महापुरुषों का जो सम्मान विदेशों में है, हमारे देश में भी वैसा अगर हो तो हम सच्चे देशभक्त कहलाने के लायक होंगे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी सुराज लाकर देश को प्राकृतिक रूप से विकसित व आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे। कार्यक्रम में शीतल, सुहानी, पारुल, चिराग तोमर, शिवांश ठाकुर, माही भारद्वाज, तुषार शर्मा, आर्ची कदम, नेहा त्यागी एंड ग्रुप, सोनाली आदि विद्यार्थियों ने नाटक, कविताएं, समूह गान, एकल गान आदि प्रस्तुत कर गांधी जी के स्वच्छता, छुआछूत, अहिंसा के पाठ को दोहराया। इस मौके पर निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल, मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट के प्राचार्य डॉ. संजय सिंह समेत मेवाड़ परिवार के तमाम सदस्य मौजूद रहे। राष्ट्रगान के साथ समारोह का विधिवत समापन हुआ। संचालन बीबीए द्वितीय वर्ष की छात्राओं अंशुल सिसौदिया एवं संजना तोमर ने किया।