नगर निगम पर मंदिर तोड़ने के आरोप झूठे और बेबुनियाद भाजपाइयों की राजनीति में विश्व हिंदू परिषद बना मोहरा

विश्व हिंदू परिषद के नेता एवं भाजपा विधायक अतुल गर्ग के भाई आलोक गर्ग ने नगर निगम पर मंदिर तोड़ने का आरोप लगाकर खलबली मचा दी है। आलोक गर्ग ने आरोप लगाया कि गाजियाबाद नगर निगम हिंदू विरोधी है और पिछले एक वर्ष में नगर निगम ने शहर में 12 मंदिर तोड़ डालें। उधर, नगर निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि शहर में किसी भी मंदिर को नहीं तोड़ा गया है। विहिप नेता द्वारा लगाए गए आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। विवेकानंद नगर में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों पर मंदिर और पार्क के बगल में पाथ-वे पर हुए अवैध निर्माण को हटाया गया है। आलोक गर्ग के आरोपों को मेयर सुनीता दयाल को कमजोर करने और नगर निगम में अतुल गर्ग गुट का वर्चस्व और दखलंदाजी बढ़ाने की कवायद मानी जा रही है। इन आरोपों को बल मिल रहा है कि मेयर सुनीता दयाल पर निशाना साधने के लिए विधायक अतुल गर्ग ने विश्व हिंदू परिषद के माध्यम से तीर चलाया है। लोकसभा चुनाव के दौरान विश्व हिंदू परिषद के बैनर तले मंदिर का मुद्दा उठाने से मेयर सुनीता दयाल को बैकफुट पर ढ़केलने का मौका मिलेगा। भाजपा से जुड़े लोग बताते हैं कि यह तो बस शुरूआत है आगे नगर निगम को लेकर जबरदस्त राजनीति होगी और गंभीर आरोपों- प्रत्यारोपों का दौर चलेगा।
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। विश्व हिंदू परिषद के नेता एवं भाजपा विधायक अतुल गर्ग के भाई आलोक गर्ग ने नगर निगम पर मंदिर तोड़ने का आरोप लगाकर खलबली मचा दी है। आलोक गर्ग ने आरोप लगाया कि गाजियाबाद नगर निगम हिंदू विरोधी है और पिछले एक वर्ष में नगर निगम ने शहर में 12 मंदिर तोड़ डालें। गाजियाबाद नगर निगम में भाजपा का कब्जा है और एक वर्ष पूर्व सुनीता दयाल मेयर चुनी गई थी। ऐसे में आलोक गर्ग के आरोपों को मेयर सुनीता दयाल पर हमले के रूप में देखा जा रहा है। आलोक गर्ग भाजपा सांसद प्रत्याशी अतुल गर्ग के भाई हैं, ऐसे में आलोक गर्ग के आरोपों को मेयर सुनीता दयाल को कमजोर करने और नगर निगम में अतुल गर्ग गुट का वर्चस्व और दखलंदाजी बढ़ाने की कवायद मानी जा रही है। उधर, नगर निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि शहर में किसी भी मंदिर को नहीं तोड़ा गया है। विहिप नेता द्वारा लगाए गए आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। विवेकानंद नगर में जिस मंदिर को तोड़े जाने की बात कही जा रही है वहां पर मंदिर को नहीं तोड़ा गया है बल्कि, मंदिर से सटे सार्वजनिक उपयोग वाले रास्ते पर किए गए अवैध निर्माण को हटाया गया है। मंदिर से सटाकर और सड़क पर बनाए गए अवैध कमरे को हटाने की कार्रवाई कॉलोनी वासियों की शिकायत एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में की गई है। विवेकानंद नगर में मंदिर के बगल में सड़क पर अवैध कब्जे के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में निगम अधिकारियों के खिलाफ कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट का भी मुकदमा चल रहा है। हाईकोर्ट ने नगर निगम को अतिक्रमण हटाकर आदेश की कंप्लायंस रिपोर्ट भी मांगी है।

बहरहाल बुधवार की घटनाक्रम ने गाजियाबाद में भाजपा की अंदरूनी राजनीति और भाजपा नेताओं की नगर निगम पर कब्जे की जंग को एक बार फिर से उजागर कर दिया है। गाजियाबाद में सभी विधायक और सांसद भाजपा के हैं और सभी चाहते हैं कि नगर निगम में उनका दबदबा बना रहे। इन भाजपा नेताओं की आपसी सिर फुटौव्वल किसी से छिपी नहीं है। यह कटु सच्चाई है कि यहां के जनप्रतिनिधि एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते। लेकिन मौका परस्ती में इन नेताओं की कोई सानी नहीं है। गाजियाबाद में भाजपा नेताओं में जबरदस्त गुटबाजी है और यहां कई गुट हैं। एक गुट जनरल वीके सिंह का है, वहीं दूसरा गुट विधायकों का है जिसका नेतृत्व अतुल गर्ग करते हैं, तीसरा गुट भाजपा के पुराने दिग्गज नेताओं का है। मेयर सुनीता दयाल को जनरल वीके सिंह गुट का माना जाता है। जनरल बीके सिंह गाजियाबाद के सबसे लोकप्रिय सांसद रहे हैं और 5 लाख से अधिक वोटों से जीतने का रिकॉर्ड जनरल के नाम दर्ज है। जनरल बीके सिंह के होते हुए किसी भी गुट की नगर निगम में दाल नहीं गल रही थी। गाजियाबाद से जनरल का टिकट कटवाने और गाजियाबाद लोकसभा सीट से भाजपा का टिकट हासिल कर अतुल गर्ग एक बड़े नेता के रूप में उभरे हैं। ऐसे में अतुल गर्ग गुट चाहता है कि विरोधियों को कमजोर कर पूरे शहर में संदेश दिया जाये कि अतुल गर्ग सबसे बड़े नेता हैं। अतुल गर्ग गाजियाबाद के विवादित नेता हैं। पूर्व मेयर आशु वर्मा ने भी अतुल गर्ग पर गंभीर आरोप लगाये थे। आशु वर्मा ने एक समय अतुल गर्ग को नगर निगम की संपत्ति हड़पने वाला भूमाफिया कहा था। बाद में अन्य नेताओं की दखलंदाजी के बाद मामला शांत पड़ गया था। इस चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा ने भी नगर निगम और जीडीए की संपत्ति पर कब्जे को लेकर अतुल गर्ग पर गंभीर आरोप लगाया था। बहरहाल हालिया मामला में अतुल गर्ग ने सुनीता दयाल पर कोई प्रत्यक्ष हमला नहीं किया है। लेकिन अतुल गर्ग के भाई आलोक गर्ग विश्व हिंदू परिषद के महानगर अध्यक्ष हैं। ऐसे में इन आरोपों को बल मिल रहा है कि मेयर सुनीता दयाल पर निशाना साधने के लिए विधायक अतुल गर्ग ने विश्व हिंदू परिषद के माध्यम से तीर चलाया है। लोकसभा चुनाव के दौरान विश्व हिंदू परिषद के बैनर तले मंदिर का मुद्दा उठाने से मेयर सुनीता दयाल को बैकफुट पर ढ़केलने का मौका मिलेगा। भाजपा से जुड़े लोग बताते हैं कि यह तो बस शुरूआत है आगे नगर निगम को लेकर जबरदस्त राजनीति होगी और गंभीर आरोपों- प्रत्यारोपों का दौर चलेगा।
विवेकानंद नगर में स्थित मंदिर को नगर निगम द्वारा कुछ दिन पूर्व तोड़ दिया था। जिसे लेकर पूरा हिंदू समाज आहत है। नगर निगम पिछले 1 साल के अंदर 12 मंदिर तोड़ चुका है। हिंदू समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा। 10 तारीख को निगम मुख्यालय का घेराव कर किया जाएगा। वहीं निगम अधिकारियों से इसका जवाब मांगा जाएगा।
आलोक गर्ग
महानगर अध्यक्ष
विश्व हिंदू परिषद

नगर निगम के वार्ड-65 अंतर्गत विवेकानंदनगर डबल स्टोरी में सामुदायिक केंद्र की जमीन पर मंदिर बना हुआ है। मंदिर के बगल में सामुदायिक केंद्र और पार्क के बीच में कनेक्टिंग पाथ-वे रोड पर अवैध रूप से पक्का कमरा, बाथरूम, लैट्रिन, जीना आदि बनाकर कब्जा किया हुआ था। हाईकोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण को तोड़ा गया है। मंदिर को तोड़ने के आरोप पूरी तरह से झूठे और बेबुनियाद है।
अरुण कुमार यादव
अपर नगर आयुक्त
नगर निगम गाजियाबाद