शिक्षक दिवस पर IMA के कार्यक्रम में 30 मेडिकल शिक्षकों का हुआ सम्मान स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार में डिप्टी कमिश्नर डॉ. सुशील कुमार विमल बोले डॉक्टरों को संवेदनशील बनाने में प्रोफेसर का होता है महत्वपूर्ण योगदान

दिल्ली एनसीआर के विभिन्न सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के ऐसे शिक्षकों को सम्मानित किया गया जिन्होंने शैक्षणिक कार्यों के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहण किया है। 30 मेडिकल प्रोफेसरों को टॉर्च ऑफ विजडम अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सम्मानित होने वाले मेडिकल प्रोफेसरों ने कहा कि डॉक्टर का संवेदनशील होना जरूरी है। जो डॉक्टर संवेदनशील नहीं है वह कभी भी अच्छा डॉक्टर नहीं बन सकता। डॉक्टरी पेशे का मकसद पैसा कमाना नहीं है बल्कि इस पेश का सबसे पहला मकसद मानवता और समाज की मदद करना है।

उदय भूमि संवाददाता
नई दिल्ली। शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) पूर्वी दिल्ली शाखा द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय योगदान देने वाले प्रोफेसरों को सम्मानित किया गया। कड़कडड़ूमा स्थित आईएएम कार्यालय में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में डॉक्टर और मेडिकल फैटरनिटी से जुड़े लोग शामिल हुए। दिल्ली एनसीआर के विभिन्न सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के ऐसे शिक्षकों को सम्मानित किया गया जिन्होंने शैक्षणिक कार्यों के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहण किया है। 30 मेडिकल प्रोफेसरों को टॉर्च ऑफ विजडम अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सम्मानित होने वाले मेडिकल प्रोफेसरों ने कहा कि डॉक्टर का संवेदनशील होना जरूरी है। जो डॉक्टर संवेदनशील नहीं है वह कभी भी अच्छा डॉक्टर नहीं बन सकता। डॉक्टरी पेशे का मकसद पैसा कमाना नहीं है बल्कि इस पेश का सबसे पहला मकसद मानवता और समाज की मदद करना है।


मेडिकल शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम का संचालन करते हुए आईएमए पूर्वी दिल्ली शाखा के उपाध्यक्ष एवं स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार में डिप्टी कमिश्नर डॉ. सुशील कुमार विमल ने कहा कि मेडिकल प्रोफेसर डॉक्टर बनाते हैं। ऐसे में इन लोगों का सम्मान करना गौरवशाली क्षण है। एक मेडिकल प्रोफेसर हजारों डॉक्टर तैयार करते हैं। मेडिकल की पढ़ाई करने छात्र भविष्य में कैसा डॉक्टर बनेगा और वह किस तरह से समाज की मदद करेगा इसमें प्रोफेसर बड़ी जिम्मेदारी निभाते हैं।

डॉ. विमल ने कहा कि हमें जो शिक्षा मिलती है उसे अपने व्यवहारिक जीवन में अपनाना चाहिये। डॉक्टरों का संवेदनशील होना सबसे जरूरी है। कार्यक्रम के आयोजन में आईएमए पूर्वी दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. राधा जैन, उपाध्यक्ष डॉ. प्रीति गौड़ , वित्त सचिव डॉ. नीलू गांधी, सचिव डॉ. ममता ठाकुर और एडिटर डॉ. संजय यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।