जमीन भारत की, इलेक्शन कराने को पाक बेताब

भारतीय विदेश मंत्रालय का पड़ोसी मूल्क को स्पष्ट संदेश

गिलगिट-बाल्टिस्तान में विधान सभा चुनाव कतई मंजूर नहीं

नई दिल्ली। पाकिस्तान अपनी बेजां हरकतों से बाज नहीं आ पाया है। वह गिलगिट-बाल्टिस्तान में विधान सभा चुनाव कराने की तैयारी में है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस निर्णय पर पुन: कड़ी आपत्ति जताई है। गिलगिट-बाल्टिस्तान की स्थिति में बदलाव करने के किसी कदम को स्वीकार नहीं किया जाएगा। पाकिस्तान ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में 15 नवम्बर को विधान सभा चुनाव कराने की घोषणा की है। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस निर्णय पर सख्त आपत्ति जाहिर की है। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि तथाकथित गिलगित और बाल्टिस्तान समेत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है। 15 नवंबर 2020 को प्रस्तावित चुनाव के संदर्भ में रिपोर्ट देखी गई है। मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार ने तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान (चुनाव और कार्यवाहक सरकार) संशोधन आदेश-2020 जैसे एक्शन को पूर्णत: खारिज कर दिया है। पाक द्वारा अवैध और जबरन कब्जे के तहत क्षेत्रों में बदलाव लाने की कोशिश का विरोध करते हैं। इससे पहले वीरवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने डिजिटल प्रेस वार्ता में पाकिस्तान पर तीखा प्रहार कर कहा था कि सैन्य माध्यम से कब्जाए गए क्षेत्र की स्थिति में परिवर्तन करने के किसी कदम का कोई वैध आधार नहीं है। यह शुरुआत से ही अवैध है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। भारत का रूख स्पष्ट और सतत है। संपूर्ण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से धारा-370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित राज्य बनाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। वह भारत के इस कदम का निरंतर विरोध कर रहा है, मगर कुछेक देशों को छोड़कर किसी ने पाक को भाव नहीं दिया है। भविष्य में गिलगिट-बाल्टिस्तान भी छिन जाने के डर से पाक सरकार की टेंशन बढ़ी हुई है।