पंजाब पुलिस की हिटलरशाही पर सियासी उबाल

पंजाब पुलिस की मनमानी एक बार फिर सामने आई है। बाहुबली और माफिया को संरक्षण देने में पंजाब पुलिस कतई हिचकती नहीं है, मगर सभ्य नागरिकों के प्रति पुलिस का खराब रवैया अक्सर देखने को मिलता है। दिल्ली भाजपा के नेता तजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी से बवाल मच गया है। इस कार्रवाई ने दिल्ली से पंजाब तक सियासत को गरमा दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ टिप्पणी करने पर पंजाब पुलिस ने तजिंदर को गिरफ्तार किया है। जिस अंदाज में यह कार्रवाई की गई, उससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि पंजाब पुलिस की टीम ने ना सिर्फ तजिंदर बल्कि उनके पिता को भी अपमानित किया।

उन्हें पगड़ी तक पहनने का मौका नहीं दिया गया। इस घटनाक्रम से सिख समाज में भी जबरदस्त आक्रोश है। भाजपा ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार और पंजाब की भगवंत मान सरकार पर तीखा हमला बोला है। दोनों मुख्यमंत्रियों को भाजपा ने आड़े हाथों लिया है। राजनीतिक दुर्भावना के तहत यह कार्रवाई कर मौलिक अधिकारों का भी हनन किया गया है। इसके पहले पंजाब पुलिस ने प्रख्यात कवि एवं नेता कुमार विश्वास के आवास पर नोटिस चस्पा कर उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की थी। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद की वसुंधरा कॉलोनी में कुमार विश्वास सपरिवार रहते हैं।

उन्हें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का मुखर आलोचक माना जाता है। वह केजरीवाल के साथ-साथ आप सरकार की नीतियों पर भी खुलकर बोलते रहते हैं। पंजाब पुलिस ने कुमार विश्वास के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। हालाकि कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई थी। दिल्ली से भाजपा नेता तजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी पर कुमार विश्वास ने भी सवाल उठाए हैं। उन्हें ट्वीट कर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा है। पंजाब पुलिस समय-समय पर विवादों में रही है। कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश के एक माफिया को पंजाब में संरक्षण दिए जाने का मामला खूब गरमाया रहा था।

कोर्ट के आदेश के बावजूद पंजाब पुलिस ने माफिया को यूपी की कोर्ट में तारीख पर पेश होने की अनुमति नहीं दी थी। माफिया को बचाने के लिए जो तर्क दिए गए थे, वह हास्यास्पद थे। बाद में यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट का रूख करना पड़ा था। देश की शीर्ष अदालत के आदेश पर पंजाब पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा था। तजिंदर पाल बग्गा की गिरफ्तारी के बाद बुरी तरह घिरी आम आदमी पार्टी अब अपना बचाव करती नजर आ रही है। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि तेजेंदर बग्गा के ट्वीट पंजाब में हिंसा भड़काने वाले थे। आप नेता ने दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस पर भाजपा नेता बग्गा को बचाने का आरोप लगाया है।

यही नहीं बगैर नाम लिए उन्होंने बग्गा को गुंडा तक करार दे दिया है। आप का दावा है कि पंजाब पुलिस राज्य में शांति बनाए रखने के लिए काम कर रही है। जनता देख रही है कि कैसे दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस ऐसे गुंडों को बचाने की कोशिश कर रही है। दरअसल तजिंदर पाल बग्गा पर सांप्रदायिक भड़काऊ बयान देने, धार्मिक दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी देने के आरोप लगाए गए हैं। पंजाब पुलिस का दावा है कि जांच में शामिल होने के लिए बग्गा को पांच बार नोटिस भेजे गए, मगर वह जान-बूझकर शामिल नहीं हुए।

ऐसे में उन्हें गिरफ्तार करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचा था। पंजाब की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार और पुलिस भी चल रही है। महाराष्ट्र पुलिस ने पिछले दिनों निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। राणा दंपति का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के आवास के बाहर हनुमान चालीस का पाठ करने का ऐलान किया था। इस ऐलान से सरकार इतना बौखला गई कि राणा दंपति पर संगीन धाराओं में एफआईआर तक दर्ज कर दी गई। हालाकि कोर्ट से जमानत मिलने के बाद यह दंपति अब जेल से बाहर आ चुका है। देश के कुछ राज्यों में मुख्यमंत्रियों की मनमानी निरंतर सामने आ रही है।

बगैर राजनीतिक अनुभव के सीएम जैसे महत्वपूर्ण पद पर काबिज होने के बाद नियम-कानूनों की अनदेखी कर खुलकर मनमानी की जाती है। ये मुख्यमंत्री अपने खिलाफ की गई टिप्पणी तक को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। इसके इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का व्यक्तित्व सबसे अलग है। पीएम और एचएम के खिलाफ विरोधी अक्सर अशोभनीय टिप्पणी करते रहते हैं। इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होते देखी नहीं गई है। इससे मोदी और शाह के व्यक्तित्व की खासियत सामने आती है।

वह आलोचनाओं को निरंतर नजरअंदाज कर अपने काम में मशगूल रहते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कम से कम प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के काम-काज के तरीके और व्यवहार से सीख लेनी चाहिए। सत्ता के मद में चूर होकर लंबे समय तक मनमानी करना संभव नहीं है। चूंकि जनता सब देखती रहती है। माना जाता है कि पंजाब और महाराष्ट्र सरकार का असल रिमोर्ट कंट्रोल दिल्ली में है। अरविंद केजरीवाल दिल्ली से बैठकर पंजाब सीएम को दिशा-निर्देश देते हैं। इसी प्रकार महाराष्ट्र सीएम को भी दिल्ली से कांग्रेस अध्यक्ष से दिशा-निर्देश मिलते रहने के आरोपी विपक्ष लगाता रहा है।