गाजियाबाद में पत्नी को गोली मारने के बाद खुद को मारी गोली, मौत

-डिप्रेशन से चल रहा था पीडि़त, हत्या से कुछ दिन पहले लिया था तमंचा

गाजियाबाद। मधुबन-बापूधाम थाना क्षेत्र के कमला नेहरू नगर में मंगलवार सुबह सनसनीखेज वारदात की खबर सामने आने के बाद पुलिस में हड़कंप मच गया। पत्नी को साथ लेकर मरूंगा की बात कहने वाले पति ने पहले तमंचे से पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी,उसके बाद खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। पति-पत्नी के शव कार और 100 मीटर दूरी पर पड़े होने की सूचना मिलते ही एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी., डीसीपी सिटी कुंवर ज्ञानंजय सिंह, एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव, मधुबन-बापूधाम थाना प्रभारी अंकित तरार व कविनगर थाना प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र मलिक पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी. ने बताया कि कमला नेहरू नगर में पति-पत्नी के शव मिलने की सूचना मिले। मौके पर छानबीन की गई। इसके बाद इनके बारे में पता चला। डीसीपी सिटी ज्ञानंजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों का शव सुबह 7.30 बजे कमला नेहरूनगर में सड़क किनारे मिले। पत्नी दीपिका उर्फ दीपक (42) को गोली मारकर खुदकुशी करने वाले विनोद चौधरी (45)के बारे में पुलिस ने शुरुआती जांच के आधार कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। दोनों के पास से मोबाइल बरामद हुए हैं। ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि दोनों पति-पत्नी हैं।

पति की पहचान विनोद चौधरी और पत्नी की पहचान दीपक चौधरी के रूप में हुई है। उनके शव के पास से पुलिस ने एक तमंचा भी बरामद किया है। पुलिस ने बताया कि परिजनों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि विनोद कई दिनों से डिप्रेशन से पीडि़त चल रहा था और अक्सर ही शाम के समय ज्यादा अग्रेसिव हो जाता था। परिजनों ने पुलिस को ये भी बताया कि विनोद कई बार कहता था कि मैं मरूंगा तो अपनी पत्नी को साथ लेकर मरूंगा। पुलिस का कहना है कि इनकी किसी प्रकार की कोई रंजिश सामने नहीं आ रही है। पुलिस ने बताया कि बच्चों और परिवार से पूछताछ में पता चला है कि विनोद कुछ दिन पहले ही कहीं से तमंचा लाया था और अपनी कार में रख लिया था। अगर यह बात सही मानी जाए तो विनोद के मन में यह पूरा प्लान काफी दिन से था। महेंद्र एंक्लेव के जेड-35 बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर पर फ्लैट में रहने वाले विनोद और दीपक के दो बच्चे हैं। तीन दिन से विनोद ने कई बार परिजन से आत्महत्या करने की मंशा जताई थी लेकिन वह पत्नी की भी हत्या कर देगा इसका किसी को अंदेशा नहीं था। मंगलवार को दोनों की मौत की सूचना मिलने के बाद घर पर आसपास की महिलाएं बच्चों को संभालने पहुंची।

दीपक मायके चली जाती तो उसकी जान बच जाती। विनोद उसे घर भेजना चाहता था। तीन-तीन से पत्नी को मायके जाने के लिए बोल रहा था। लेकिन उसकी पत्नी दीपक ने मना कर दिया। दोनों में इसी बात पर झगड़े की बात भी सामने आई है। सोमवार देर रात भी जब दोनों घर से गाड़ी लेकर बाहर निकले तब किसी को अनुमान नहीं था कि दोनों वापस ही नहीं आएंगे। रात साढ़े नौ बजे घर से निकलने के करीब एक घंटे बाद भी जब दोनों वापस नहीं आए तो बच्चों ने फोन लगाया, लेकिन फोन नहीं उठा। इसके बाद पड़ोसियों से बच्चों ने मदद मांगी। विनोद के पड़ोसी और मित्र योगेंद्र ने कविनगर थाने जाकर शिकायत भी दी। पड़ोसियों को पता था कि विनोद आत्महत्या की बात कर रहा है इसलिए उन्होंने गंगनहर तक का चक्कर लगाया।विनोद के दोस्त अनुज चौधरी का कहना है कि विनोद को कोई आर्थिक संकट नहीं था। परिजन से भी उसे कोई परेशानी नहीं थी। ऐसे में उसका डिप्रेशन में जाना दोस्तों को भी परेशान करता था। सोमवार रात करीब नौ बजे तक उसने दोस्तों के साथ सैर भी की। तब किसी को नहीं पता था कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है।
कमला नेहरू नगर में एम्स नशा मुक्ति केंद्र के पास सड़क पर 100 मीटर की दूरी पर दोनों के शव मिले थे।

पुलिस का कहना है कि इस मामले में पति ने पहले पत्नी की हत्या की उसके बाद खुद के सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मृतक दंपती महिंद्रा एन्क्लेव के रहने वाले हैं। दोनों के सिर पर गोली काफी पास से मारी गई है। विनोद के दोस्त अनुज चौधरी का कहना है कि दोनों रात करीब पौने दस बजे घर से निकले हैं। देर रात तक वापस नहीं आने पर 15 वर्षीय बेटी सोनम और सात वर्षीय बेटे शिवाय ने पड़ोसियों को सूचना दी।इसके बाद रात करीब तीन बजे कविनगर पुलिस को सूचना दी गई तब तक दोनों का पता नहीं था कि दोनों कहां हैं। विनोद के पड़ोसियों और दोस्तों का कहना है कि विनोद का आर्थिक रूप से संपन्न परिवार से ताल्लुक है। 15 साल पहले वह ग्रेटर नोएडा की मोजर बेयर फैक्ट्री में नौकरी करता था। उसके बाद उसने नौकरी छोड़ दी। विनोद की उत्तराखंड में एक दवा फैक्ट्री होने की भी जानकारी सामने आई है।

एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों के शव बरामद करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए। एसीपी भी खुद पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे। दोनों की गोली लगने से मृत्यु हुई है। हत्या की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं है। वहीं, तमंचा कहां से किससे लिया है इसकी जांच की जा रही हैं। मृतक विनोद मंगलौर के गांव लिब्बरहेड़ी का रहने वाला था। पुलिस को विनोद की एस क्रॉस कार भी मौके पर मिली। कार के शीशे पर सामने और चालक के बगल वाली सीट के शीशे पर भी गोली मारी गई है। दीपक का शव कार के नजदीक मिला है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि विनोद ने पहले दीपा के सिर में गोली मारकर उसकी हत्या की, फिर खुद के सिर में गोली मार ली। गोली लगने से विनोद का भेजा बाहर निकल आया। पुलिस का अनुमान है कि मौके पर चार फायर किए गए हैं एक गोली तमंचे में फंसी हुई मिली।