गाजियाबाद एनसीआर में बरेली का आतिफ करता था हेरोइन की सप्लाई

सवा करोड़ की हेरोइन समेत तीन तस्कर गिरफ्तार, नेपाल की चरस बड़े पैमाने पर भारत में सप्लाई करने का मुख्य कारण यहां चरस का बाजार भाव काफी अधिक होना है। वहां से यह लोग किलो के भाव में नशीले पदार्थ खरीदकर यहा लाकर उसे दो गुना दाम में बेचते है। बनबसा से माल लेने के बाद आरोपी रास्ते में मोबाइल बंद करने के साथ-साथ कई गाडिय़ों को बदलते है, जिस कारण पुलिस उन्हें पकडऩे में नाकाम रहती है।

गाजियाबाद। बरेली से दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखण्ड, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व यूपी के विभिन्न जनपदों में नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह के तीन शातिर तस्करों को गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच टीम ने गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से टीम ने घटना में प्रयुक्त कार और करीब सवा करोड़ रुपए कीमत की स्मैक (हेरोइन) बरामद किया है। पकड़े गए आरोपी गाजियाबाद में सप्लाई के लिए बरेली से आए थे। पकड़े गए आरोपी अंतर्राज्जीय तस्कर है। आरोपी जब सप्लाई देने के लिए निकलते थे, तब मोबाइल फोन को तब तक के लिए बंद कर देते थे, जब तक तयशुदा स्थान पर माल की सप्लाई न दे दें।

एसपी क्राइम ने बताया कि रविवार सुबह मुखबिर से सूचना मिली की कार सवार तीन व्यक्ति नशीले पदार्थ की सप्लाई के लिए गाजियाबाद में आने वाले है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी, एसआई सौरभ शुक्ला, अरुण वर्मा की टीम गठित की गई। क्राइम ब्रांच की टीम ने हिंडन एयर फोर्स चौकी के सामने साहिबाबाद क्षेत्र में एक्सयूबी कार को रुकने का इशारा किया, टीम को देख आरोपी भागने का प्रयास करने लगे। टीम ने पीछा कर आरोपी तैयब खां पुत्र अयूब खां, शहजाद खान पुत्र वैदयार यान निवासी इज्जत नगर बरेली एवं सैफ पुत्र फैयाजुद्दीन निवासी भमोरा बरेली को गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से करीब एक करोड़ 20 लाख रुपए कीमत की स्मैक (हेरोइन) एवं घटना में प्रयुक्त एक्सयूबी कार बरामद किया गया। पकड़े गए आरोपी बरेली से गाजियाबाद में सप्लाई के लिए हेरोइन लेकर आए थे। गिरोह का सरगना सैफ का भाई मौहम्मद आतिफ है और नशीले पदार्थ की तस्करी में मौहम्मद आतिफ और सौबी फरार है।

क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी अंतर्राज्जीय तस्कर है। जो कि दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, उत्तराखण्ड, पंजाब, राजस्थान व यूपी के विभिन्न जनपदों में स्मैक, चरस, गांजे की तस्करी का कारोबार करते है। जो कि पिछले करीब 5 सालों से कर रहे है। आरोपी पूर्व में बरेली और उत्तराखण्ड से पूर्व में जेल जा चुके है। गिरोह का सरगना मौहम्मद आतिफ पूर्व में नशीले पदार्थ की तस्करी दुसरे के लिए करता था। मगर बाद उसने खुद का गिरोह बनाकर तस्करी का कारोबार शुरु कर दिया। आरोपी अब तक करोड़ो रुपए के नशीले पदार्थ की तस्करी कर चुके है। जिनसे पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि जब आरोपी बरेली से माल सप्लाई के लिए निकलते थे तो अपना फोन बंद कर लेते थे। जिनसे पुलिस उन्हें ट्रेस न कर सके और रास्ते में कही रुकते भी नही थे, जब तक माल को तयशुदा स्थान पर पहुंचा न दिया जाए।

आरोपी के शातिर दिमाग के चलते ही वह बरेली से विभिन्न जनपद होते हुए गाजियाबाद तक पहुंच गए और पुलिस को इसकी खबत तक नही लगी। सूत्रो के अनुसार मौहम्मद आतिफ नशीले पदार्थ की तस्करी नेपाल बोर्डर टनकपुर के पास बनबसा से करता है। मैदानी क्षेत्र में बनबसा और पर्वतीय क्षेत्र में पंचेश्वर क्षेत्र नेपाल से सटा हुआ है। यहां की भौगोलिक स्थिति तस्करों की राह आसान करती है। नेपाल की चरस बड़े पैमाने पर भारत में सप्लाई करने का मुख्य कारण यहां चरस का बाजार भाव काफी अधिक होना है। वहां से यह लोग किलो के भाव में नशीले पदार्थ खरीदकर यहा लाकर उसे दो गुना दाम में बेचते है। बनबसा से माल लेने के बाद आरोपी रास्ते में मोबाइल बंद करने के साथ-साथ कई गाडिय़ों को बदलते है, जिस कारण पुलिस उन्हें पकडऩे में नाकाम रहती है। बरेली से बड़े स्तर पर नशीले पदार्थ तस्करी का कारोबार चल रहा था। जिसका गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच की टीम भंड़ाफोड़ कर दिया।