ईओ और जेई ने ली थी 16 लाख की घूस, फिर नगर पालिका में हुआ था पैसों का बंदरबांट

घटना के 36 घंटे बाद पुलिस ने किया मुख्य आरोपी को गिरफ्तार

गाजियाबाद। नववर्ष की शुरुआत में ही मुरादनगर की दिलदहलाने वाली घटना ने सभी को सदमे में डाल दिया। अब ठेकेदार ने एक और सनसनीखेज खुलासा किया। वहीं इस खुलासे ने प्रशासन और भ्रष्टाचार की गठजोड़ को पर्दाफास कर दिया है। निर्माण कार्य की एवज में ठेकेदार से  घूस के रूप में बहुत बड़ी रकम लेने और फिर  उसका नगर पालिका में सभी के बीच  बंदरबांट होने की बात सामने आई है। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया एसपी देहात ईराज राजा के नेतृत्व में ठेकदार की गिरफ्तारी के लिए पांच टीम ग्रामीण क्राइम, नगर क्राइम, मुरादनगर, स्वांट एवं सर्विलांस की टीम को लगाया गया था। जिसकी गिरफ्तारी के लिए एसएसपी द्वारा 25 हजार रूपए का इनाम घोषित किया गया था। सोमवार रात करीब 12 बजे निवाडी पुलिस टीम ने अजय त्यागी को गिरफ्तार किया।

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पुलिस का कहना है कि आरोपित घटना के बाद से ही डग्गामार वाहनों की मदद से मोबाईल को बंद कर मुज्जफ्फरनगर में छुपा हुआ था। रात वहां से कही ओर भागने की फिराक में था। आरोपित दिल्ली होते हुए लोकल वाहनों से अन्य जगह भागने की फिराक में था। पूछताछ में ठेकेदार अजय त्यागी ने बताया कि मार्च में ठेकेदार अजय त्यागी ने पहली किश्त के रूप में 26 लाख रुपए मिलने के बाद ईओ निहारिका चौहान को 16 लाख रुपए घूस दी थी। नगरपालिका के कई और लोगों ने रिश्वत ली है। लेकिन उनके नामों का खुलासा नहीं किया जा रहा है। पूछताछ में बताया कि उखलारसी शमशान घाट सौंदर्यीकरण एवं निर्माण का टेंडर अपै्रल-2019 में ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में लिया था। 55 लाख रुपए के ठेके में 2 माह में कार्य पूरा करना था। पहली किश्त के रूप में 26 लाख और दूसरी किश्त में जुलाई में 16 लाख मिले। बयान के आधार पर पांचवें आरोपित संजय को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस निर्माण की जिम्मेदारी जेई,सुपरवाईजर के अलावा ईओ की जिम्मेदारी थी। खराब सामग्री लगाई गई। लालच में आर्थिक लाभ के लिए अधिकारियों से मिलकर घटिया निर्माण सामग्री लगाई गई। एसएसपी ने बताया कि अजय त्यागी के बयान के आधार पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा मुकदमे में बढ़ाने और विवेचना सीओ सदर महिपाल सिंह को निर्देश दिए गए हैं। 36 घंटे तक एसपी ग्रामीण के नेतृत्व में टीम गठित कर चारों नामजद आरोपी को गिरफ्तार किया गया। इस मामले मेंं 5 आरोपी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं। श्मशान घाट उखालरसी में निर्माण कार्य में कॉरीडोर में इस प्रकार के लेंटर एवं डिजाईन की जरूरत नही थी। लेकिन इसका बडा बजट बनाकर रूपए गबन करने के लिए कार्य कराया गया था।

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आरोपित ठेकेदार ने बताया कि निर्माण सामाग्री भी गुणवत्ता मानकों के अनुरू नही थी। जिसकी पूरी सूचना अधिशासी अधिकारी, अंवर अभियंता एवं सुपरवाइजर को थी। इस मामले में एक चीज तो साफ है कि मुरादनगर नगर पालिका एक भ्रष्टाचार रूपी दलदल है जिसमें सभी के पैर पूरी तरह से फसे हुए हैं।