गाजियाबाद। रोजर-पे खाते से ऑन-लाइन रुपए निकालने वाले गिरोह के मास्टर माइंड हैकर्स को इंदिरापुरम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया बीसीए का छात्र है और शातिर किस्म का है। जो कि बड़ी कंपनियों के खाते को हैक कर रुपए निकाल लेता था। आरोपी अब तक 50 लाख से अधिक रुपए की ठगी कर चुका है। गिरोह के दो आरोपी फरार है।
इंदिरापुरम थाने में घटना में खुलासा करते हुए सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि क्राइम इंस्पेक्टर चन्द्रकांत पाण्डेय की टीम ने सोमवार को हैकर्स विवेक यादव पुत्र मोतीलाल यादव निवासी बालाजी होटल के पीछे मीरा रोड नयानगर ठाणे मुंबई को उसके घर से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने नितिखंड निवासी श्याम सुंदर और दिल्ली निवासी धीरज शर्मा के रोजर-पे खाते से लाखों रुपए निकाल लिए थे। जिसके पास से घटना में प्रयुक्त लैपटॉप, मोबाइल बरामद किया है।
सीओ ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी बीसीए का छात्र है। जिसकी मुलाकात मुंबई में ऐस्टर्ड एडमिन व रमेश से हुई थी। जहां दोनों ने बताया कि हैंकिग के काम से कम समय में ज्यादा पैसा कमा जा सकता है। फिर तीनों ने मिलकर योजना बनाकर फरवरी, अप्रैल व मई माह में गाजियाबाद व दिल्ली के कई व्यक्तियों के रोजर-पे एकाउंट से 23 लाख 62 हजार रुपए व 12 लाख रुपए ऑन लाइन अपने आईडीएफसी बैंक खाते ट्रांसफर कर लिये थे और उन पैसों से बिट कोईन खरीद लिया। जो कि अब तक 50 लाख से अधिक रुपए खाते से निकाल चुके है। ऐस्टर्ड एडमिन व रमेश फरार है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है।
क्राइम इंस्पेक्टर चन्द्रकांत पाण्डेय ने बताया कि विवेक यादव शातिर किस्म का है। जो कि गिरोह का सरगना है। आरोपी बड़ी कंपनियों के खाते पहले कुंडली खंगालते थे। खाते में रुपए मिलने पर उनके खातों को हैक कर सभी रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते थे। गिरोह के फरार साथी विवेक को कंपनी के एकाउंट डिटेल की जानकारी उपलब्ध कराने में मदद करते थे। रुपए आने के बाद तीनों बराबर में बाट लेते थे। इन रुपयों से आरोपी अपने मंहगे शौक और मौज-मस्ती करते थे।