आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम: अब देश में तैयार होंगे घातक सैन्य हथियार, 101 उत्पादों के आयात पर रोक

-हथियारों के लिए दूसरे मूल्कों पर निर्भरता होगी कम
-आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और अह्म पहल

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली। आत्मनिर्भऱ भारत की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। 101 रक्षा उत्पादों के आयात पर रोक लगा दी गई है। यह उत्पाद अब भारत में खुद बनाए जाएंगे। इसके लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। राइफल से मिसाइल तक का निर्माण देश में किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा घोषित यह रोक चरणबद्ध तरीके से दिसम्बर-2025 तक लागू रहेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। ट्वीट कर उन्होंने बताया कि रक्षा उत्पादों के आयात पर रोक लगाने से पहले इस पर गंभीरता से विचार किया गया है। सेना की ऑपरेशनल गतिविधि प्रभावित न हो और इन उत्पादों को तय समय सीमा के तहत देश  तैयार किया जा सके। दिसंबर-2021 के बाद भारत व्हील्ड आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल, लाइट मशीन गन, असॉल्ट राइफल, माइन एंटी टैंक, माइन एंटी पर्सनेल ब्लास्ट, ग्रेनेड जैसे उच्च तकनीक के आयात पर भी रोक  लगा देगा और इसका देश में उत्पादन आरंभ कर देगा। दिसंबर-2022 तक भारत अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, हल्के रॉकेट लॉन्चर के आयात पर रोक लगाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विगत 12 मई 2020 को आत्मनिर्भऱ भारत का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री की इस अपील पर काम कर सैन्य मामलों के मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने 101 उत्पादों की लिस्ट तैयार कर इनके आयात पर रोक लगाई है। 101 उपकरणों और हथियारों की सूची में से 69 के आयात पर दिसंबर 2020 से रोक लग जाएगी। रक्षा मंत्रालय के इस निर्णय के साथ भारत आर्टिलरी गन, जमीन से हवा में मार करने वाली छोटी दूरी की मिसाइलें, शिप से छोड़ी जा सकने वाली क्रूज मिसाइलें, असॉल्ट राइफल, हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर, रडार इत्यादि का आयात नहीं करेगा।