कार्रवाई : 7 बागी विधायकों पर चला बसपा का हंटर

सभी को निलंबित किया, एफआईआर की तैयारी
सपा पर खरीद-फरोख्त की राजनीति का आरोप

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बगावत पर उतरे 7 विधायकों के खिलाफ आखिरकार सख्त कदम उठा दिया है। उन्हें निलंबित कर दिया गया है। बसपा अब दल-बदल कानून के तहत बागियों को सदस्यता रद्द कराने की कोशिश में जुट गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) पर भी गुस्सा निकाला गया है। सपा पर खरीद-फरोख्त की राजनीति करने का आरोप मढ़ा गया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बागी विधायक असलम राइनी, असलम चौधरी, मुर्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद, हरगोविंद भार्गव, सुषमा पटेल और वंदना सिंह को निलंबित किया है। बसपा नेता शुक्रवार को विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से मुलाकात करेंगे। ऐसे में इन विधायकों की सदस्यता रद्द करने की अपील की जाएगी। सभी सातों विधायकों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट भी दर्जा कराई जा सकती है। दरअसल बसपा के भीतर बगावत का दौर राज्यसभा उम्मीदवार रामजी गौतम के नामांकन के बाद से शुरू हुआ है। 5 विधायकों ने बुधवार को राज्यसभा प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावक के तौर पर अपना नाम वापस ले लिया था। बाद में इन विधायकों ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। बाद में 2 और विधायकों ने पाला बदलने का मन बना लिया था। इससे बसपा को जोर का झटका लगा है। हालांकि इस मामले में बसपा शांत नहीं बैठेगी। दल-बदल कानून के अंतर्गत बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कराने की तैयारी की जा रही है। उधर, बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने सपा पर खरीद-फरोख्त की राजनीति किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सपा की यह पुरानी परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उधर, बागी विधायकों ने भी बसपा पर गंभीर आरोप मढ़े हैं। इन आरोपों को पार्टी ने सिरे से खारिज कर दिया है। बसपा में उठा यह बवंडर फिलहाल थमता दिखाई नहीं दे रहा है।