13 साल की लड़ाई के बाद हाईकोर्ट ने यमुना अथॉरिटी के हक में सुनाया फैसला

-यमुना प्राधिकरण के 5 सेक्टर के 5500 भूखंडों का रास्ता साफ

ग्रेटर नोएडा। इलाहाबाद हाईकोर्ट से यमुना अथॉरिटी को 13 साल तक लंबी लड़ाई लडऩे के बाद बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने यमुना अथॉरिटी एरिया के 11 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहण को लेकर दायर याचिकाओं को रद्द कर दिया है। इस फैसले यमुना अथॉरिटी को हजारों एकड़ जमीन पर कब्जा मिल जाएगा। यमुना प्राधिकरण के 5 सेक्टर के 5500 भूखंडों का रास्ता साफ हो गया है। इन सेक्टर की अधूरी पड़ी पेरीफेरी रोड भी बन सकेंगी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद किसानों को मुआवजा देकर उन पर कब्जा ले लिया जाएगा। यमुना प्राधिकरण ने 2009 और 10 में 20 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया था। अधिकतर किसानों ने मुआवजा लेकर जमीन पर कब्जा दे दिया था। लेकिन इन गांवों के सैकड़ों किसानों ने जमीन अधिग्रहण के अर्जेंसी क्लाज को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

करीब 500 याचिकाएं अदालत में दायर की गईं। इस मामले में नौ गांवों पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इन गांवों की करीब 150 याचिकाओं पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। गत 26 मई को दिए आदेश में अदालत जमीन अधिग्रहण को सही माना है। अब किसानों को मुआवजा मिलेगा। मुआवजा एडीएम एलए के यहां से मिलेगा। साथ ही अतिरिक्त मुआवजा यमुना प्राधिकरण देगा। अदालत ने जिन नौ गांवों पर अपना फैसला सुनाया है, उससे सेक्टर-16, 17, 18, 20 और 22 ई के आवंटियों को राहत मिलेगी। इसके चलते करीब 5500 आवंटियों को भूखंड नहीं मिल पा रहे थे। इसके अलावा इन सेक्टर की पेरीफेरी (चारों ओर) रोड भी नहीं बन पा रही थी।

जिन नौ गांवों के लिए फैसला आया है, उनके किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही अतिरिक्त मुआवजा देगा। मुआवजा देकर प्राधिकरण जमीन पर कब्जा ले लेगा। इसके बाद इन भूखंड को विकसित करके आवंटियों को दिया जाएगा। उम्मीद है कि इस साल दिसंबर तक ये भूखंड आवंटियों को दे दिए जाएंगे। अदालत में अभी 11 गांवों की सुनवाई चल रही है। जुलाई महीने में इस पर फैसला आने की उम्मीद है। सेक्टर 18 और 20 के करीब 5 हजार आवंटियों को मार्च 2024 तक विकसित कर यमुना अथॉरिटी आवंटियों को कब्जा देगी।