ऐलान : एमएसएमई सेक्टर को मिले 15700 करोड़

छोटी कंपनियों के लिए बढ़ेगी पेडअप कैपिटल सीमा

नई दिल्ली। देश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर को विकसित करने और रफ्तार देने के लिए 15 हजार 700 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वर्ष 2021-22 के बजट में एमएसएमई सेक्टर के लिए इस राशि का आवंटन किया गया है। सरकार का लक्ष्य इस सेक्टर में अगले कुछ साल में 5 करोड़ से ज्यादा रोजगार के अवसर उत्पन्न करना है। इससे एमएसएमई को बढ़ावा मिलने के साथ बेरोजगारी को कम करने में भी मदद मिल सकेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में आम बजट पेश किया। बजट आने से पहले एमएसएमई सेक्टर काफी व्याकुल नजर आए। इस सेक्टर के लिए सरकार क्या ऐलान करेगी, इसे लेकर उद्यमी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। कोरोना काल में यह सेक्टर भी चुनौतियों का सामना कर रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में जानकारी दी कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग यानी एमएसएमई के लिए नई व्यवस्थाएं की जाएंगी। एमएसएमई को विकसित करने हेतु 15 हजार 700 करोड़ रुपए दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई में एआई और मशीन लर्निंग पर बल दिया जाएगा। इसके अलावा छोटी कंपनियों के लिए पेडअप कैपिटल सीमा बढ़ाई जाएगी। दरअसल पेड-अप शेयर कैपिटल वह रकम है, जिसके लिए शेयरधारकों को शेयर जारी किए जाते हैं। भुगतान शेयरधारकों द्वारा किया जाता है। यह राशि वास्तविक फंड है, जो कंपनी शेयरों से प्राप्त करती है। यह राशि आरंभिक सार्वजनिक पेशकश के रूप में उठाई जाती है। केंद्र सरकार ने अगले कुछ साल में एमएसएमई सेक्टर में 5 करोड़ नौकरियां उत्पन्न किए जाने का लक्ष्य रखा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ समय पहले कहा था कि सरकार सिर्फ एमएसएमई सेक्टर से 5 करोड़ से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करने की योजना बना रही है। सरकार का टारगेट आर्थिक विकास में एमएसएमई योगदान को मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत पर पहुंचाना है। उधर, एमएसएमई की निर्यात में भागीदारी भी 48 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत तक पहुंचानी है। उधर, सरकार के ऐलान के बाद एमएसएमई सेक्टर से मिश्रित प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं।