गोरखपुर के डॉ. राजशरण शाही दोबारा बने ABVP के राष्ट्रीय अध्यक्ष

-युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है डॉ. राजशरण शाही, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर

गोरखपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की कमान एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले डॉ. राजशरण शाही के हाथों में रहेगी। गोरखपुर के प्रो. राजशरण शाही लगातार दूसरी बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। डॉ राजशरण शाही का दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना गोरखपुर के लिए गौरव की बात है। मुंबई में गुरुवार को हुए एबीवीपी की सत्र 2023-24 के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के चुनाव में वे पुन: अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। उनके निर्वाचन पर गोरखपुर के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। मूल रूप से गोरखपुर के अहिरौली ब्लॉक गघाह निवासी प्रो. राजशरण शाही वर्तमान में डॉ भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ में शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रोफेसर हैं। इससे पहले वे गोरखपुर के दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर थे। डॉ. शाही भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में एसोसिएट रहे हैं। उन्होंने अभी तक छह पुस्तकों का लेखन व संपादन किया है। उनके 109 से अधिक शोध पत्र एवं लेख राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं एवं संगोष्ठियों में रखे जा चुके हैं। प्रो. शाही वर्ष 1989 से विद्यार्थी जीवन से ही अभाविप से जुड़े हुए हैं। वे गोरखपुर महानगर अध्यक्ष से लेकर गोरक्ष प्रांत अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आदि दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं।

बता दें कि डॉ शाही के पिता रघुराज शाही इंटर कॉलेज के प्रिसिंपल थे। इनके छोटे भाई पूर्व राज्यमंत्री डॉ. विभ्राट चंद्र कौशिक एवं जय शंकर शाही सीनियर पीसीएस अधिकारी है। शिक्षा की ओर कदम बढ़ाते हुए डॉ. राजशरण शाही ने लाखों-करोड़ों युवाओं के भविष्य में शिक्षा की जोत जला रहे है, यह हर किसी के लिए संभव नहीं था। छात्र जीवन से संगठन का कार्य करते हुए महत्वपूर्ण दायित्व पर पहुंचना केवल विद्यार्थी परिषद जैसे छात्र संगठन में ही संभव है। पिता की शिक्षा से प्रेरित होकर आज अपने आप में डॉ. राजशरण शाही एक ऐसी शख्सियत बन गए है। जिनका नाम आज देश का हरेक युवा जानता है। उनका मानना है कि शिक्षक समाज का प्रबुद्ध नागरिक होता है और समाज का दर्पण होता है, जिनके कंधे पर देश की बहुत बड़ी जिम्मेदारियों का बोझ होता है। इसे किसी भी परिस्थिति में निभाने के लिए जो सदैव तत्पर होता है, वही शिक्षक होता है। जो शिक्षा परिवार से मिली है, उसी को आगे बढ़ाने के लिए कदम आगे बढ़ाया जा रहा है। वहीं निर्वाचन पर एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की विशेष आमंत्रित सदस्य प्रो. उमा श्रीवास्तव, गोरक्ष प्रांत अध्यक्ष प्रो. सुषमा पांडेय, गोरक्ष प्रांत मंत्री सौरभ गौंड आदि ने शुभकामनाएं दी है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की विशेष आमंत्रित सदस्य प्रो. उमा श्रीवास्तव ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक छात्र संगठन है। इसमें चयन की प्रक्रिया भी लोकतांत्रिक है। निर्वाचन कार्य, सर्वसम्मति के आधार पर संपन्न होती है। सत्र 2023-24 के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में डॉ. राजशरण शाही का लगातार दोबारा निर्वाचन होना, इनके कुशल नेतृत्वकर्ता के गुण को प्रदर्शित करने वाला है। वहीं गोरक्ष प्रांत अध्यक्ष प्रो. सुषमा पांडेय का कहना है कि अभाविप में दायित्व निर्धारण की एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है। डॉ. शाही का पुन: राष्ट्रीय अध्यक्ष होना अपने आप में गौरव की बात है। गोरक्ष प्रांत मंत्री सौरभ गौड़ ने कहा है कि आज का दिन गोरखपुर जनपद के लिए विशेष महत्व का है। लगातार दूसरी बार विश्व के सबसे विराट छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे शीर्ष दायित्व का नेतृत्व गोरखपुर से जुड़े लोग कर रहे हैं। इनके कुशल संगठन कौशल में विद्यार्थी परिषद नित नवीन उपलब्धियों को हासिल करेगा। डा. राजशरण शाही को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का पुन: राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किए जाने पर गोरखपुर के छात्र संगठनों ने मिठाई बांटकर खुशियां जताई। संगठन से जुड़े पदाधिकारियों के अलावा डॉ. शाही के शुभ-चिंतकों ने भी बधाई दी। डॉ. शाही छात्र जीवन से ही विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं और इन्हें हमेशा विद्यार्थी परिषद के समर्पित और निष्ठावान सदस्यों में गिना जाता है।