रामपुर में आबकारी विभाग की सख्ती से अवैध शराब का कारोबार ध्वस्त, राजस्व में ऐतिहासिक बढ़ोतरी

• ई-लॉटरी में रिकॉर्ड भागीदारी, नई नीति से पारदर्शिता को मिला बढ़ावा
• होली पर अवैध शराब माफिया पर शिकंजा, 5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व
• आबकारी अधिकारी हिम्मत सिंह की अगुवाई में अवैध कारोबार पर पूरी तरह लगाम
• रामपुर में आबकारी विभाग की सख्ती का असर, अवैध शराब माफिया का खेल खत्म
• ई-लॉटरी में रिकॉर्ड भागीदारी, 18 करोड़ का राजस्व

उदय भूमि संवाददाता
रामपुर। जनपद रामपुर में अवैध शराब के कारोबार को जड़ से खत्म करने की मुहिम रंग ला रही है। आबकारी अधिकारी हिम्मत सिंह के नेतृत्व में की जा रही लगातार छापेमारी और सख्त कार्रवाई से जिले में अवैध शराब माफियाओं के लिए अब कोई जगह नहीं बची है। इसका नतीजा यह है कि न केवल अवैध कारोबार पर पूर्ण विराम लगा है, बल्कि जिले के राजस्व में भी ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। नई आबकारी नीति के तहत 6 मार्च को ई-लॉटरी प्रक्रिया आयोजित की गई, जिसमें 228 दुकानों के लिए 3,733 आवेदन प्राप्त हुए। यह दर्शाता है कि जिले में आबकारी व्यवसाय के प्रति पारदर्शिता और विश्वास बढ़ा है। इस प्रक्रिया के तहत आबकारी विभाग ने सरकार को लगभग 18 करोड़ रुपये का राजस्व प्रदान किया, जो जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

इतनी कम दुकानों के लिए हजारों आवेदन आना इस बात का प्रमाण है कि नई आबकारी नीति पूरी तरह सफल हो रही है। अक्सर देखा जाता है कि होली जैसे बड़े त्योहारों पर अवैध शराब का कारोबार चरम पर होता है, लेकिन इस बार आबकारी विभाग ने अवैध शराब तस्करों पर पूरी तरह से शिकंजा कस दिया। आबकारी अधिकारी हिम्मत सिंह और उनकी टीम ने सख्ती दिखाते हुए अवैध शराब का बड़ा जखीरा जब्त किया और शराब माफियाओं की योजनाओं को पूरी तरह विफल कर दिया। इसका सीधा असर जिले की लाइसेंसी दुकानों की बिक्री पर पड़ा, जिससे सरकार को 5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ। अगर माफिया अपने इरादों में सफल हो जाते, तो सरकार को यह राजस्व नहीं मिल पाता।

30 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व, नई आबकारी नीति से सरकार को फायदा
ई-लॉटरी के माध्यम से 228 नए लाइसेंसधारकों के चयन के बाद, सरकार को लाइसेंस शुल्क के रूप में लगभग 30 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है। इससे स्पष्ट है कि शराब कारोबार अब पूरी तरह से नियमन में आ चुका है और अवैध शराब माफियाओं की कमर टूट चुकी है।

फर्जी साइटों से ठगी पर रोक, आबकारी विभाग का जागरूकता अभियान सफल
आबकारी विभाग ने नई आबकारी नीति के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ ठगी से बचाव के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया। जिले के लोगों को यह बताया गया कि कुछ फर्जी वेबसाइट्स आबकारी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट का रूप धारण कर लोगों को ठगने का प्रयास कर सकती हैं। इस जागरूकता अभियान का असर यह हुआ कि जिले में आबकारी विभाग से जुड़ी किसी भी तरह की ठगी की घटना सामने नहीं आई। यह एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इससे पहले कई जिलों में फर्जी वेबसाइट्स के जरिए ठगी की घटनाएं हो चुकी थीं।

रामपुर बना अवैध शराब मुक्त जिला, आबकारी विभाग की ऐतिहासिक सफलता
आबकारी अधिकारी हिम्मत सिंह की दृढ़ इच्छाशक्ति और कुशल नेतृत्व में जिले में अवैध शराब के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया गया है। उनकी टीम ने न केवल अवैध शराब तस्करों पर सख्ती दिखाई बल्कि आबकारी निरीक्षक अरविंद कुमार मिश्रा, नंदिनी यादव, संजय कुमार, नीरज सिंह, राम आधार पाल, अनुपम सिंह की सतर्कता के चलते इस बार होली पर भी अवैध कारोबार पूरी तरह विफल रहा। जिले की माली हालत को सुधारने और अवैध शराब को जड़ से खत्म करने की इस मुहिम में आबकारी विभाग की यह ऐतिहासिक सफलता अन्य जिलों के लिए भी मिसाल बन रही है।

हिम्मत सिंह
जिला आबकारी अधिकारी (रामपुर)

रामपुर जिले में अवैध शराब के कारोबार को पूरी तरह समाप्त करने का हमारा संकल्प अब हकीकत बन रहा है। हमारी टीम ने पूरी तत्परता और रणनीति के साथ अवैध शराब माफियाओं पर शिकंजा कसा है। इसका असर यह है कि इस बार होली जैसे बड़े त्योहार पर भी जिले में अवैध शराब का कारोबार नहीं पनप सका। नई आबकारी नीति को पारदर्शी और प्रभावी ढंग से लागू किया गया है, जिसका परिणाम यह है कि ई-लॉटरी प्रक्रिया में रिकॉर्ड भागीदारी दर्ज की गई और जिले से सरकार को 18 करोड़ रुपये का राजस्व मिला। वहीं, 228 नए लाइसेंस धारकों से लाइसेंस शुल्क के रूप में करीब 30 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व भी सरकार को प्राप्त हुआ।
इसके अलावा, होली के दौरान अवैध शराब पर हमारी सख्ती का नतीजा यह रहा कि इस बार लाइसेंसी दुकानों की बिक्री में इजाफा हुआ और 5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व सरकार के खाते में गया। हमारी टीम ने न केवल अवैध शराब के कारोबार पर नकेल कसी है, बल्कि लोगों को फर्जी वेबसाइट्स और ठगी से बचाने के लिए भी अभियान चलाया। इससे जिले में किसी भी तरह की ठगी की घटना सामने नहीं आई। रामपुर को अवैध शराब मुक्त बनाना हमारी प्राथमिकता थी, और हम इसमें पूरी तरह सफल हुए हैं। आगे भी हमारी यही कोशिश रहेगी कि जिले में शराब का कारोबार केवल कानूनी दायरे में रहे और अवैध गतिविधियों को जड़ से खत्म किया जाए।
हिम्मत सिंह
जिला आबकारी अधिकारी (रामपुर)