विक्रमादित्य सिंह मलिक ने गाजियाबाद के मुख्य विकास अधिकारी के पद पर रहते हुए कई सराहनीय कार्य किए हैं। गाजियाबाद में हाल ही में आई बाढ़ आपदा में उनका कार्य सराहनीय रहा है। साथ ही उन्होंने समाज कल्याण विभाग सहित किसानों के लिए कई प्रकार की योजना और उनका प्रचार प्रसार के लिए भी सराहनीय कार्य किया है। तालाबों को बेहतर तरीके से विकसित कराने के अलावा केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं का भी बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया।
गाजियाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने रविवार को आईएएस अधिकारियों के गैर जनपद तबादला किए जाने के चलते गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ का भी यहां से तबादला कर दिया। वर्ष-2015 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. नितिन गौड़ को हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है। जबकि गाजियाबाद नगर निगम का नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक को बनाया गया हैं। फिलहाल प्रदेश शासन ने सीडीओ के पद पर किसी अधिकारी की तैनाती नहीं की है। विक्रमादित्य सिंह मलिक 18 अपै्रल-2022 से मुख्य विकास अधिकारी का पदभार संभाल रहे थे। वर्ष-2018 बैच के आईएएस अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक ने सीडीओ के पद पर रहते हुए जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर तरीके से योजनाओं का क्रियान्वयन कराया है।
विक्रमादित्य सिंह मलिक ने गाजियाबाद के मुख्य विकास अधिकारी के पद पर रहते हुए कई सराहनीय कार्य किए हैं। गाजियाबाद में हाल ही में आई बाढ़ आपदा में उनका कार्य सराहनीय रहा है। साथ ही उन्होंने समाज कल्याण विभाग सहित किसानों के लिए कई प्रकार की योजना और उनका प्रचार प्रसार के लिए भी सराहनीय कार्य किया है। तालाबों को बेहतर तरीके से विकसित कराने के अलावा केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं का भी बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया। नवागत नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बातचीत में बताया कि सोमवार की शाम या मंगलवार की सुबह नगर निगम में नगर आयुक्त का पदभार ग्रहण करेंगे। गाजियाबाद नगर निगम में अब उनकी पोस्टिंग हो चुकी है। इस पद पर कई चुनौतियां विक्रमादित्य सिंह मलिक का इंतजार कर रही है। इनके सामने शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में अव्वल रैंकिंग लाने की बड़ी चुनौती होगी। हालांकि विकास कार्यों को बेहतर तरीके से करवाने के लिए अपने कर्तव्यों को अभी तक बखूबी अंजाम देते आए है।
इन दिनों जी-20 समिट के लिए गाजियाबाद की सड़कों को सजाने और संवारने का कार्य चल रहा है। जबकि शहर में अभी भी सबसे बड़ी समस्या कूड़ा निस्तारण को लेकर है। कूड़ा निस्तारण के लिए कोई ठोस योजना बनाने की आवश्यकता है। इसके अलावा नगर निगम आर्थिक मोर्चों पर भी जूझ रहा है। माली और सफाई कर्मचारियों की मांग और वेतन को लेकर होने वाली शिकायतों के अलावा सिविक एजेंसियों की शिकायतें भी होंगी। जिनसे निपटना उनके लिए कड़ी चुनौती होगी। यह मेहनती तरीके से कामों को अंजाम देते है। जिले में सीडीओ के पद पर तैनात रहने के चलते यह जिले की भौगौलिक स्थिति से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। नवागत नगर आयुक्त का कहना है कि शहर में विकास कार्यों को बेहतर तरीके से पूरा कराना और निगम की आर्थिक स्थिति सुधारना प्राथमिकता रहेगा। चुनौतियों के बीच से ही सफलता के रास्ते निकलते है। जब तक चुनौती नहीं होगी तब तक अपने किए गए कार्यों की पहचान कैसे होगी। जल्द ही शहर में बदलाव दिखाई देगा। जिसके लिए हर संभव प्रयाए किए जाएंगे। बता दें कि चंडीगढ़ के रहने वाले आईएएस अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक एक सिविल सेवक के परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता और बहन दोनों ही आईएएस है। पिता युद्धवीर सिंह मलिक है जो कि हरियाणा में आईएएस अधिकारी के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं मां एक लेखिका हैं।