यूपी के बाहुबली नेता के बेटे को नहीं मिली पैरोल, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

नीतीश कटारा हत्याकांड : तिहार में बंद है विकास यादव, उत्तराखंड की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं डीपी यादव

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली। बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी करार विकास यादव को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। कोर्ट द्वारा पैरोल याचिका खारिज कर देने से विकास की जेल से बाहर आने की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं। कोर्ट ने पीडि़त परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया है। नीतीश कटारा अपहरण एवं हत्याकांड को करीब 18 साल पहले उत्तर प्रदेश में अंजाम दिया गया था। गाजियाबाद के कविनगर थाना क्षेत्र में आयोजित वैवाहिक समारोह के दरम्यान नीतीश को अगवा कर मौत के घाट उतार दिया गया था। इस जघन्य हत्याकांड में कोर्ट ने दोषी विकास यादव को 25 साल की सजा सुनाई थी। विकास का चचेरा भाई विशाल यादव और सुखदेव पहलवान भी इस मामले में दोषी ठहराया गया था। दोषी विकास यादव ने पिछले वर्ष भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पैरोल की मांग की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ठुकरा दिया था। उस समय कोर्ट ने बिना किसी छूट के सजा पूरी करने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने इस प्रकरण की सुनवाई कर स्पष्ट कहा था कि विकास को 25 साल की सजा सुनाई गई है। यह सजा उसे पूरी करनी होगी। उक्त अपहरण एवं हत्याकांड के पीछे विकास की बहन भारती और नीतीश कटारा के बीच प्रेम-संबंध को कारण बताया जाता है। बता दें कि विकास यादव यूपी के बाहुबली नेता डीपी यादव का पुत्र है। 18 साल पहले यह वारदात सामने आने के बाद देशभर में सनसनी फैल गई थी। दोषियों को उनके किए की सजा दिलाने के लिए मृतक नीतीश के परिजनों ने काफी संघर्ष किया था।