-इन-सीटू योजना और एसएमएएम के तहत 56 व 161 कृषि यंत्रों के लक्ष्य को विकास खंडों में बांटा गया
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। जिले में किसानों को आधुनिक तकनीक से जोडऩे और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में प्रशासन ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शुक्रवार को विकास भवन स्थित दुर्गावती देवी सभागार में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल की अध्यक्षता में कृषि यंत्रीकरण एवं प्राकृतिक खेती योजनाओं पर जिला स्तरीय समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में इन-सीटू योजना तथा सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन (एसएमएएम) के तहत प्राप्त कृषि यंत्रों का विकास खंडवार आवंटन तय किया गया। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल ने बैठक में बताया कि इन-सीटू योजना के अंतर्गत कुल 56 कृषि यंत्रों का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। इन यंत्रों को विकास खंडवार समिति की सिफारिश के अनुसार विभाजित कर संबंधित क्षेत्रों को आवंटित किया गया है।
इसमें 16 सुपर सीडर के अलावा 14 विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र शामिल हैं, जिनका उद्देश्य पराली जलाने की समस्या को खत्म करना और फसल अवशेष प्रबंधन को बेहतर बनाना है। इसी तरह, एसएमएएम योजना के तहत कुल 161 कृषि यंत्रों के वितरण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इनमें 12 रोटावेटर, 5 लेजर लैंड लेवलर, 4 कंबाइन हार्वेस्टर, 4 कस्टम हायरिंग सेंटर सहित कुल 24 प्रकार के कृषि यंत्र शामिल हैं। इन यंत्रों का भी विकास खंडवार आवंटन कर दिया गया है, जिससे अधिकतम किसानों को इनका लाभ मिल सकेगा। बैठक में उप कृषि निदेशक रामजतन मिश्र, जिला उद्यान अधिकारी निधि सिंह, जिला गन्ना अधिकारी प्रदीप कुमार तेवतिया, सहायक निबंधक एवं प्रभारी सहायक आयुक्त केवीके, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र श्रीनाथ पासवान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
सभी अधिकारियों ने योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और पारदर्शी वितरण प्रणाली पर बल दिया। बैठक के दौरान राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फॉर्मिंग) के वित्तीय वर्ष 2025-26 के अनुमोदन पर भी चर्चा की गई। इसके तहत कृषि सखी, फार्मर मास्टर ट्रेनर, बॉयो इनपुट रिसोर्स सेंटर (बीईआरसी) और लोकल नेचुरल फॉर्मिंग इंस्टीट्यूट के चयन को मंजूरी दी गई। यह पहल किसानों को जैविक एवं प्राकृतिक खेती की ओर प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभाएगी।
सीडीओ अभिनव गोपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी योजनाएं समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से लागू हों। उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि किसानों को सरकारी योजनाओं का सीधा और त्वरित लाभ मिले, जिससे उनकी आय बढ़े और खेती टिकाऊ बन सके। कृषि यंत्रों के इस खंडवार आवंटन से जिले के विभिन्न विकास खंडों में खेती की प्रक्रिया में तकनीकी सुधार आएगा। साथ ही प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों की रुचि भी बढ़ेगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त होगा।