अब मुंबई में सड़कों पर उतरे नाराज किसान

कृषि कानूनों के खिलाफ निकाला मार्च

मुंबई। नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन मंगलवार को 27वें दिन भी जारी रहा। किसान आंदोलन के समर्थन में मुंंबई में भी विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया। इन संगठनों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की पुरजोर मांग की। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान निरंतर आंदोलनरत हैं। पंजाब और हरियाणा के किसानों ने बड़ी संख्या में दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर डेरा डाल रखा हैं। सरकार की भरसक कोशिशों के बावजूद किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इसी कड़ी में अब मुंबई में विभिन्न संगठनों ने सरकार विरोधी प्रदर्शन किया है। इन संगठनों ने बांद्रा कलेक्टर कार्यालय से रिलायंस कॉपोरेट कार्यालय तक मार्च निकाला। मार्च के रूप में काफी संख्या में नागरिक डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर उद्यान में पहुंचे। वहां सभा कर सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई। उद्यान के चारों तरफ बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। सभी रास्तों को भी बंद कर दिया गया है। उधर, दिल्ली में किसानों के सत्याग्रह को समर्थन देने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट की महिला वकील फोरम ने उपवास रखने का फैसला किया है। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसानों को सरकार के साथ बातचीत के जरिए यह मुद्दा सुलझाना चाहिए। तीनों कानूनों में संशोधन करने के लिए सरकार तैयार है। किसानों ने 25 से 27 दिसम्बर तक हरियाणा में सभी टोल प्लाजा फ्री कराने की चेतावनी भी दे रखी है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों की मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। टिकैत ने कहा कि किसानों ने संघर्ष के लिए लंबी तैयारी कर रखी है। आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा है। आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार से चर्चा के लिए किसान हमेशा तैयार हैं।