• आबकारी विभाग का अभियान, अवैध शराब कारोबार पर कसेगा लोहे का शिकंजा, तस्करों में दहशत
• जो नशा फैलाएगा, वो अब जेल की हवा खाएगा, आबकारी विभाग का अल्टीमेटम
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। जिले में नशे के काले कारोबार से पूरी तरह मुक्त करने के लिए आबकारी विभाग ने अपनी कार्रवाई की रफ्तार को तेज कर दिया है। आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम के नेतृत्व में जिला स्तर पर एक सुनियोजित और आक्रामक रणनीति के तहत अवैध शराब कारोबारियों, ओवर रेटिंग करने वाले दुकानदारों और बिना लाइसेंस शराब परोसने वाले रेस्टोरेंट्स-होटलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया है। इस मिशन के अंतर्गत आबकारी निरीक्षक मनोज शर्मा, अखिलेश बिहारी वर्मा, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, अखिलेश कुमार, राकेश त्रिपाठी और अनुज वर्मा की टीम अपने-अपने क्षेत्रों में न केवल शराब तस्करों के अड्डों पर दबिश दे रही है, बल्कि लाइसेंसी शराब दुकानों का औचक निरीक्षण कर यह भी सुनिश्चित कर रही है कि उपभोक्ताओं से कोई धोखाधड़ी न हो। दुकानों पर शराब खरीदने पहुंचे ग्राहकों से विभाग की टीम सीधे संवाद कर यह जान रही है कि कहीं उनसे अधिक कीमत तो नहीं वसूली जा रही।
शराब दुकानों पर नियमों के पालन की जांच करते हुए सीसीटीवी कैमरे 24 घंटे चालू हैं या नहीं, दुकान की साफ-सफाई कैसी है, और पॉश मशीन से स्कैनिंग के बाद ही बिक्री हो रही है या नहीं, इन सभी बिंदुओं पर सख्त नजर रखी जा रही है। शराब की ओवर रेटिंग को पूरी तरह खत्म करने के लिए विभाग ‘जीरो टॉलरेंस नीतिÓ पर अमल कर रहा है। अवैध शराब के खिलाफ यह जंग सिर्फ दुकानों और तस्करों तक ही सीमित नहीं है। आबकारी विभाग ने होटल, बार और रेस्टोरेंट्स में बिना लाइसेंस चल रही शराब पार्टी पर भी बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि बिना ऑकेजनल लाइसेंस के कोई भी शराब पार्टी आयोजित करना अपराध है, और अगर पार्टी में बाहरी राज्यों की अवैध शराब मिली, तो आयोजनकर्ता पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस रद्द करना और जेल भेजना भी शामिल है।
इस सघन अभियान के तहत अब गाजियाबाद में शराब बेचने और परोसने के हर पहलू पर डिजिटल और फिजिकल निगरानी की जा रही है। आबकारी विभाग की टीमें रात-दिन फील्ड में सक्रिय हैं, और जिले भर में लगातार दबिशें देकर नशे के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की कोशिश में जुटी हैं। जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम ने साफ शब्दों में कहा है कि अब कोई माफिया, कोई तस्कर और कोई गैरकानूनी शराब विक्रेता जिले की सरहद में भी घुसने की हिम्मत नहीं करेगा। यह सिर्फ कार्रवाई नहीं, एक युद्ध है। गाजियाबाद को नशामुक्त और सुरक्षित बनाने है। गाजियाबाद में अब नशे का धंधा नहीं चलेगा। हर वह व्यक्ति जो नियमों के खिलाफ जाकर शराब का कारोबार या पार्टी कर रहा है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। या तो कानून मानो, या फिर कानून का प्रहार झेलो।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने भी विभाग की इस कार्रवाई की सराहना की है। लोगों का कहना है कि लंबे समय बाद ऐसा लगा है कि अवैध शराब पर वाकई में लगाम कसी जा रही है। आबकारी विभाग की इस मुहिम ने न केवल तस्करों को सतर्क कर दिया है, बल्कि उन रेस्टोरेंट्स और होटलों में भी खलबली मचा दी है, जो नियमों को ताक पर रखकर शराब की अवैध बिक्री में संलिप्त थे। आबकारी विभाग की इस मुहिम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब जिले में कोई भी अवैध गतिविधि दबे पांव नहीं चल पाएगी। आबकारी विभाग के इस तगड़े एक्शन से अब जिले में अवैध शराब कारोबारियों के लिए नो एंट्री जोन तैयार हो चुका है।
हिंडन खादर क्षेत्र में अवैध शराब निर्माण पर आबकारी विभाग का कड़ा ताला
हिंडन खादर क्षेत्र, जो कभी अवैध शराब निर्माण के लिए जाना जाता था, अब इस धंधे से पूरी तरह निपट चुका है। जिले में कई सालों से अवैध शराब निर्माण के तस्कर शराब की भट्टियां लगाकर झाडिय़ों के बीच अवैध शराब बना रहे थे, लेकिन अब आबकारी विभाग की सख्त निगरानी और निरंतर कार्रवाई के चलते इस पर पूरी तरह रोक लग गई है। आबकारी विभाग की टीमें पिछले एक महीने से लगातार हिंडन खादर क्षेत्र में दबिश दे रही हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कोई अवैध शराब का भंडार नहीं मिला। शनिवार को भी आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहारी वर्मा की टीम ने थाना टीला मोड़ के अंतर्गत सिरौरा, भनेडा और महमूदपुर के संदिग्ध स्थानों पर छापे मारे, लेकिन वहां से कुछ भी बरामद नहीं हुआ।
जब इस बारे में आसपास के गांवों के निवासियों से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि पिछले काफी समय से इस क्षेत्र में अवैध शराब का निर्माण नहीं हो रहा है। यह स्थिति आबकारी विभाग की प्रभावी कार्रवाई और अवैध शराब के निर्माण पर लगाई गई कड़ी निगरानी का परिणाम है। विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि उनकी सख्त कार्यवाही के कारण इस अवैध कारोबार में कमी आई है और अब यह गतिविधि पूरी तरह से बंद हो चुकी है। यह घटना साबित करती है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां अवैध कारोबार को रोकने में कितनी गंभीरता से काम कर रही हैं, और समाज में अवैध गतिविधियों पर काबू पाने के लिए उनका लगातार प्रयास जारी है।