किसानों और प्राधिकरण अधिकारियों की मैराथन बैठक के बाद धरना स्थगित 7 नवंबर को होगी महापंचायत

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सुभाष चौधरी ने कहा 7 नवंबर को होगी महापंचायत मांगों पर कितना हुआ अमल होगी समीक्षा।
दोपहर 12 बजे शुरू हुई बैठक रात 8 बजे तक चली, विभिन्न मांगों पर हुई विस्तार से चर्चा।
प्राधिकरण के आश्वासन से किसान सहमत लेकिन समय से मांगें पूरी नहीं होने पर फिर होगा आंदोलन।

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर धरना दे रहे किसानों के प्रतिनिधियों की प्राधिकरण और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सोमवार को मैराथन बैठक हुई। दोपहर 1 बजे शुरू हुई बैठक रात 8 बजे तक चली। बैठक की शुरुआत में कुछ मुद्दों पर सहमति बनी लेकिन कई मुद्दों पर गतिरोध बना रहा और दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें देते रहे। किसानों का कहना था कि उनकी सभी मांगें जायज है और जब तक मांगें नहीं मानी जाएगी उनका धरना प्रदर्शन खत्म नहीं होगा। किसानों ने गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उधर, प्रशासनिक और प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि बैठक में किसानों को पूरी तरह संतुष्ट किया गया है और जल्द ही सभी गतिरोध समाप्त हो जाएगा। बैठक समाप्ति के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुभाष चौधरी ने कहा कि किसानों ने प्राधिकरण और प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित किया है। 7 नवंबर को किसानों की महापंचायत होगी जिसमें इस बात की समीक्षा होगी कि अधिकारियों ने आश्वासन पर कितना अमल किया। यदि किसानों के साथ धोखा हुआ तो फिर से आंदोलन जारी रहेगा।


विदित हो कि पिछले तीन दिनों से ग्रेटर नोएडा के किसानों का एक दल जीरो प्वाइंट पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि प्राधिकरण अधिकारियों द्वारा उन्हें नजर अंदाज किया जा रहा है। प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से एसीईओ अमरदीप डुली, जीएम प्रोजेक्ट सलिल यादव, नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी प्रसून द्विवेदी और यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र कुमार सिंह धरना स्थल पर पहुंचे और किसानों से बात की। बातचीत के दौरान किसानों ने प्राधिकरण और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से लिखित में मांगों को माने जाने का आश्वासन मांगा। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि कुछ मांगों का तत्काल समाधान हो सकता है, लेकिन कुछ ऐसी मांग है जिस पर शासन स्तर से ही निर्णय लिया जा सकता है। बाद में दोपहर 12 बजे किसानों के प्रतिनिमंडल की तीनों प्राधिकरण के सीईओ और डीएम के साथ बैठक शुरू हुई। बैठक रात 8 बजे तक चली तक चली।

प्रदर्शनकारी किसानों की है यह मांग
भारतीय किसान यूनियन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरण किसानों का शोषण करने में लगे हैं। 64.7% अतिरिक्त मुआवजा, पुरानी आबादी को छोड़ने, आबादी की शिफ्टिंग कराने, 10% आबादी के भूखंड़ देने, नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा, किसानों के रोके गए मुआवजे का भुगतान समेत कई प्रमुख मांगें है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी सभी मांगें जल्द पूरी होनी चाहिये।

दोपहर में शुरू हुई मैराथन बैठक
सोमवार दोपहर तीनों प्राधिकरण के सीईओ, डीएम और किसान नेताओं के बीच मैराथन बैठक शुरू हुई। बैठक में नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी, यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, डीएम सुहास एलवाई ने किसानों की बातों को गंभीरता से रखा। बैठक के दौरान किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे  पवन खटाना ने गौतमबुद्ध नगर प्रशासन और तीनों प्राधिकरणों पर किसानों की शिकायतों की अनदेखी करने और किसानों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।

बैठक में शामिल हुआ किसानों का 51 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल
प्राधिकरण और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक में किसानों का 51 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ। बैठक में किसानों का पक्ष भारतीय किसान यूनियन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटना, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुभाष चौधरी, राजीव मलिक, राजे प्रधान, मट्टू नागर आदि ने प्रमुखता से रखा। अधिकारियों के आश्वासन को मानते हुए किसानों ने आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया। 7 नवंबर को किसानों की महापंचायत होगी उसमें पूछा जाएगा कि आपने कितना काम पूरा किया।