भारत-नेपाल संबंधों पर तरुण मिश्र ने की भारतीय राजदूतावास के उप-प्रमुख प्रसन्न श्रीवास्तव से मुलाकात

काठमांडू। ब्रह्म समाज के कल्याण के लिए चार दिवसीय दौरे के अंतिम दिन सोमवार को अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के पूर्व महामंत्री एवं ब्राह्मण सेवक तरुण मिश्र ने नेपाल यात्रा के अंतिम दिन काठमांडू स्थित भारतीय राजदूतावास में मिशन दूतावास के उप-प्रमुख प्रसन्न श्रीवास्तव से मुलाकात कर भारत-नेपाल संबंधों पर चर्चा की। तरुण मिश्र ने कहा दोनों देशों के रिश्ते बहुत करीब होते हुए भी बहुत जटिल हैं। नेपाल के मुकाबले कुछ ही देशों के भारत के साथ ज्यादा घनिष्ठ संबंध हैं क्योंकि इन दोनों देशों के बीच एक खुली सीमा है जो उनके नागरिकों को बेरोकटोक आवाजाही करने की इजाजत देता है। घनिष्ठ आर्थिक, सुरक्षा एवं सांस्कृतिक संबंध उनके इस रिश्ते की खूबी हैं। भारत एक प्रमुख व्यापार एवं पारगमन भागीदार बना हुआ है, जहां बड़ी संख्या में नेपाली लोग जीविकोपार्जन या उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं।

उधर, नेपाल के साथ अच्छे रिश्ते भारत को अपने पड़ोस में सुरक्षा एवं भू-राजनीतिक मुद्दों को और ज्यादा सुगम तरीके से हल करने में मदद करते हैं। फिर भी, निकट अतीत में मुख्य रूप से कालापानी इलाके को लेकर सीमा विवाद की वजह से उनके राजनीतिक रिश्ते सहज होने के बजाय ज्यादा उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। उन्होंने उप-प्रमुख प्रसन्न श्रीवास्तव से कहा कि नेपाल में भारतीय नागरिकों की संख्या बहुत है। साथ ही ब्राह्मणों की सुरक्षा का भी विशेष ख्याल रखा जाए। जिससे भारत और नेपाल के रिस्तों में मिठास बनी रहे। इनकी सुरक्षा का दायित्व आपके कंधो पर है। साथ ही उन्होंने कहा श्री पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने आने वाले तीर्थ यात्रियों को रुकने के लिए व्यवस्था की जाए। क्योंकि श्री पशुपतिनाथ मंदिर के आसपास बने होटलों का किराया बहुत ही ज्यादा है। जिसे देने में कई लोग आज भी ससमर्थ है। सरकार को श्री पशुपतिनाथ मंदिर के आसपास धर्मशाला का निर्माण करना चाहिए। जिससे यहां आने वाले यात्रियों को आराम से रुकने की व्यवस्था हो सकें।