गुर्जर आंदोलन की सुगबुगाहट, टेंशन में सरकार

राजस्थान के 3 जिलों में इंटरनेट सेवाएं स्थगित

भरतपुर। राजस्थान में आरक्षण के लिए फिर गुर्जर आंदोलन की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसे में अशोक गहलौत सरकार की बेचैनी बढ़ गई है। भरतपुर के अड्डा गांव में शनिवार को गुर्जर समुदाय ने महापंचायत बुलाई। ऐसे में सरकार ने एहतियात के तौर पर आनन-फानन में जरूरी कदम उठाए हैं। 3 जिलों में रात्रि 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दी गई। उग्र आंदोलन की आशंका को ध्यान में रखकर आरपीएफ और एसटीएफ की 3 कंपनियां तैनात की गई हैं। रेलवे ने दिल्ली-मुंबई रेल ट्रैक की सुरक्षा हेतु आरपीएफ जवानों को सतर्क कर दिया है। अड्डा गांव में आयोजित गुर्जर महापंचायत में भारी भीड़ जुटी। ऐसे में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। पंचायत के फैसले की जानकारी लेने और माहौल पर करीबी नजर रखने को खुफिया विभाग की टीमों को भी सक्रिय किया गया है। राजस्थान सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना को आंदोलनकारी गुर्जर नेताओं से वार्ता करने हेतु भेजा गया। उधर, कांग्रेस ने भाजपा पर राजनीति करने और इस आंदोलन को खड़ा करने का आरोप लगाया है। भरतपुर, करौली और सवाई माधोपुर में रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कंपनियां गुर्जर बहुल क्षेत्रों में भेजी गई हैं। आंदोलनकारियों के रेलवे ट्रैक जाम करने अथवा नुकसान पहुंचाने की आंशका को देखकर रेलवे ने आरपीएफ जवानों को ट्रैक की सुरक्षा में तैनात किया है। वहीं, भाजपा का आरोप है कि सरकार की लापरवाही के कारण ऐसे हालात उत्पन्न हुए हैं। बता दें कि राजस्थान में गुर्जर आंदोलन का पुराना इतिहास रहा है। आरक्षण के लिए गुर्जरों ने जब-जब आंदोलन किए हैं, तब-तब सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। उग्र आंदोलन के कारण कई-कई दिन तक सामान्य जनजीवन भी प्रभावित रहा है। ऐसे में मौजूदा सरकार किसी प्रकार का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। सूबे में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने को हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं।