समझौता : भारत और भूटान के रिश्तों में मिठास

5 कृषि उपजों के लिए खुले इंडिया के बाजार

नई दिल्ली। चीन के साथ बढ़ते तनाव से इतर भारत अब भूटान के बेहद करीब पहुंच रहा है। दोनों देशों के बीच संबंध निरंतर बेहतर हो रहे हैं। भारत ने भूटान के 5 कृषि उपजों के लिए अपने बाजार को खोल दिया है। इन कृषि उपजों को भारत के बाजार में प्रवेश की अनुमति मिल गई है। चीन की मोतियों की माला रणनीति को काउंटर करने के लिए भारत निरंतर प्रसारत है। म्यांमार को किलो क्लास पनडुब्बी देने की घोषणा के बाद भारत ने भूटान के प्रति संबंधों को बेहतर रखने की दिशा में कवायद शुरू की है। भूटान के 5 कृषि उपजों के लिए भारत के बाजार को खोल दिया गया है। भूटान में उगने वाले अरेका नट, मंडारिन संतरे, सेब, आलू और अदरक जल्द भारतीय बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध हो सकेंगे। बताया गया है कि फरवरी 2020 में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भूटान की यात्रा की थी। उस दौरान इस समझौते को अमलीजामा पहना दिया गया था। आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद यह समझौता अब लागू कर दिया गया है। भूटान में भारत की राजदूत रूचिरा कंबोज ने इस समझौते को भूटान के साथ व्यापार बढ़ाने हेतु भारत की प्रतिबद्धता करार दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत और भूटान में दोस्ती का खास रिश्ता है। यह रिश्ता दोनों देशों के व्यापार और अन्य मसलों में भी दिखाई देता है। दोनों देशों में कृषि महत्वपूर्ण सेक्टर है। नए फैसले से दोनों के रिश्तों में और मजबूती आएगी। बता दें कि इससे पहले भूटान ने भारत से टमाटर, प्याज और ओकरा के आयात हेतु सहमति दी थी। भारत असम के जयगांव में प्लांट क्वारंटीन सेंटर भी बना रहा है। इसके बाद भूटान के कृषि उत्पादों के ट्रकों को भारत में एंट्री के लिए आसानी से क्लीयरेंस प्रमाण पत्र मिल सकेगा। भूटान का सबसे बड़ा ट्रेडिंग साझेदार भारत है। वर्ष 2018 में दोनों देशों ने 9227 करोड़ रुपए का व्यापार किया था। भारत ने भूटान को खनिज, प्लास्टिक और आर्टिकल का निर्यात किया। उधर, भूटान ने भारत को बिजली, सिलिकॉन, सीमेंट और डोलामाइट समेत कई खनिज निर्यात किए।