यमुना प्राधिकरण के इस निर्णय से 3 हजार परिवारों को मिलेगा सुकून बोर्ड बैठक में रखा जाएगा होम बायर्स से जुड़ा महत्वपूर्ण प्रस्ताव

यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह की प्राथमिकता है कि किसानों के साथ आवंटियों को अधिक से अधिक लाभ मिले और उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो। यमुना प्राधिकरण की नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन में भी यह नीति परिलक्षित होती है। गौतमबुद्धनगर जिले में होम बायर्स का मुद्दा बड़ा ही गंभीर विषय रहा है। बिल्डर और बॉयर्स के मुद्दे को हल करने के लिए नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत समिति की कई सिफारिशों को सरकार द्वारा लागू किया गया है। लेकिन इन सिफारिशों में कई प्रावधान ऐसे हैं जिसमें होम बायर्स को डॉयरेक्ट लाभ देने के बजाय बिल्डर के माध्यम से मिलता है। होम बायर्स को अधिक से अधिक लाभ मिले। इसको लेकर यमुना प्राधिकरण द्वारा एक प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा जाएगा।

उदय भूमि संवाददाता
ग्रेटर नोएडा। अपना घर होना लोगों के लिए सुकून देने वाली बात होती है। लोगों का सपना होता है कि वह अपना घर खरीदें। लेकिन बिल्डर के चंगुल में फंसे बिल्डर परेशान हैं। बिल्डर से परेशान होम बायर्स के लिए यमुना प्राधिकरण की यह खबर खुशी और सुकून देने वाली है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की 12 मार्च को होने वाली बोर्ड बैठक में होम बायर्स से जुड़ा महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा जाएगा। यीडा चाहता है कि बिल्डरों के प्रोजेक्ट में फ्लैट लेकर फंसे होम बायर्स को अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का जल्द से जल्द लाभ मिले। हजारों की संख्या में ऐसे होम बायर्स हैं जो फ्लैट खरीदने के बावजूद उसकी रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे हैं। प्रस्ताव में ऐसे होम बायर्स को कई तरह से लाभ देने की योजना है। यीडा के इस प्रस्ताव को बोर्ड से स्वीकृति मिलने से तत्काल 3000 बायर्स को लाभ मिलेगा।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह की प्राथमिकता है कि किसानों के साथ आवंटियों को अधिक से अधिक लाभ मिले और उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो। यमुना प्राधिकरण की नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन में भी यह नीति परिलक्षित होती है। गौतमबुद्धनगर जिले में होम बायर्स का मुद्दा बड़ा ही गंभीर विषय रहा है। बिल्डर और बॉयर्स के मुद्दे को हल करने के लिए नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत समिति की कई सिफारिशों को सरकार द्वारा लागू किया गया है। लेकिन इन सिफारिशों में कई प्रावधान ऐसे हैं जिसमें होम बायर्स को डॉयरेक्ट लाभ देने के बजाय बिल्डर के माध्यम से मिलता है। होम बायर्स को अधिक से अधिक लाभ मिले। इसको लेकर यमुना प्राधिकरण द्वारा एक प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के तहत प्राधिकरण द्वारा बिल्डरों को 1 अप्रैल 2020 से 1 मार्च 2022 तक शून्य काल मानने और किसानोें को मुआवजे के रूप में दी जानी वाली 64़ 7 फीसदी अतिरिक्त धनराशि के ब्याज और जुमार्ना में छूट दी जाएगी। यमुना प्राधिकरण ने इसका लाभ बिल्डर के साथ होम बायर्स को भी डॉयरेक्ट देने की तैयारी की है। जिन बिल्डर परियोजनाओं को आॅक्यूपेंसी (ओसी) और कम्पलीशन सर्टिफिकेट (सीसी) जारी हो चुका है, उनके बॉयर्स 64़ 7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजे की धनराशि प्राधिकरण में जमा कर रजिस्ट्री करा सकते हैं। ऐसे बॉयर्स को शून्य काल का लाभ भी दिया जाएगा। प्राधिकरण का मानना है कि यदि बिल्डर को लाभ मिल रहा है तो उसका फायदा फ्लैट बॉयर्स को भी मिलना चाहिए। ज्ञात हो कि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एसडीएस इंफ्राकॉन, ओमनिस डवलपर्स, एटीएस, ओरिस डवलपर्स, सुपरटेक लिमिटेड, सुपरटेक टाउनशिप, सनवर्ल्ड इंफ्रास्ट्रक्चर,ग्रीनबे इंफ्रास्ट्रक्चर व लॉजिक्स बुल्डस्टेड व 8 अन्य सबलेसी बिल्डरों की परियोजनाओं में 14 हजार बॉयर्स फंसे हैं। बिल्डरों पर 5012़ 05 करोड़ रुपये बकाया है। सिफारिशों को लागू कराने के लिए यमुना प्राधिकरण प्राधिकरण के चेयरमैन अनिल कुमार सागर बिल्डरों के साथ बैठक भी कर चुके हैं।

एसडीएस बिल्डर के सैकड़ों आवंटियों को बड़ी राहत
यमुना सिटी के सेक्टर- 17 में स्थित एसडीएस बिल्डर की परियोजना में फंसे आवंटियों को बड़ी राहत मिलेगी। इस परियोजना में सैकड़ों ऐसे आवंटी हैं जो अपने प्लॉट की रजिस्ट्री करा चुके हैं, लेकिन बिल्डर की कारगुजारी की वजह से मकान का नक्शा नहीं पास करवा पा रहे हैं। इन आवंटियों को बिल्डर द्वारा बकाया जमा नहीं करने की सजा मिल रही है। यानी कसूरवार बिल्डर लेकिन सजा आवंटियों को मिल रही है। सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने ऐसे आवंटियों के लिए खुशखबरी दी है। 12 मार्च को होने वाली बोर्ड बैठक में प्लॉट की रजिस्ट्री करा चुके 586 आवंटियों के नक्शा को स्वीकृत किये जाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। बोर्ड की मुहर लगने के बाद नक्शा पास करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।