बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बनकर करते थे एटीएम मशीन में फ्रॉड, मशीन में डाल देते थे फेवीक्विक

– गाजियाबाद, नोएडा, राजस्थान, मध्य प्रदेश में फ्रॉड करने वाले दो अंतर्राज्यीय ठग गिरफ्तार

गाजियाबाद। एटीएम कार्ड से फर्जीवाड़ा एवं एटीएम मशीन से फर्जी तरीके से रुपए निकालने वाले गिरोह का क्राइम ब्रांच की टीम ने भंडाफोड़ करते हुए दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। जो एटीएम मशीन के अंदर हेल्पलाइन नंबर लिखकर चिपका देते थे। जब किसी व्यक्ति को एटीएम मशीन में रुपए निकालने में समस्या आती तो मशीन के अंदर चस्पा कागज पर दर्ज नंबर पर फोन करता, वह नंबर इन गिरोह के सदस्य के पास होता था और जैसे ही वह फोन करते तो ठगी कर लेते थे। साथ ही मशीन में कार्ड लगाने वाली जगह पर फेवीक्विक लगा देते थे, जिससे एटीएम कार्ड चिपक जाता था। पकड़े गए आरोपी सौ से अधिक ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके है।

एडिशनल डीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने मंगलवार को घंटाघर कोतवाली क्षेत्र से संदीप पुत्र सुभाष सिंह निवासी शिव मंदिर के पास फर्रूखनगर टीला मोड एवं गौरव पुत्र रमन मिश्रा निवासी जनता फ्लैट बिसरख जनपद गौतमबुद्धनगर को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से एटीएम कार्ड अलग-अलग बैंक के फर्जी 10, घटना करने मे प्रयुक्त गाडी, फर्जी नम्बर प्लेट 2, चाकू नाजायज 2, घटना में प्रयुक्त मोबाईल फोन, एटीएम मशीन मे एटीएम कार्ड चिपकाने के लिए फेवीक्विक 7 और 55,500 रुपये नगद बरामद किया गया।
उन्होंने बताया संदीप इण्टर पास और वह मोबाइल की दुकान चलाता था। जिसमे ज्यादा फायदा नही हो रहा था। बहन की शादी के समय उसने दुकान को बेच दिया था। उसके बाद जोमैटो मे डिलीवरी का काम करने लगा। कमाई न हाने के कारण एटीएम मे फ्रॉड करने लगा, यूट्यूब से एटीएम फर्ड करना सीखा की कैसे किया जा रहा है। उसके बाद अपने साथी गौरव, बन्टी व शेखर को भी काम संदीप ने काम सिखाया।

गौरव मिश्रा आगरा यूनिवर्सिटी से बीकॉम पास है और अंग्रेजी की अच्छी जानकारी है व एयरटेल कंपनी मे काम करता था। पकड़े गए आरोपी गाजियाबाद, नोयडा, राजस्थान, मध्य प्रदेश व अन्य क्षेत्रों में घटनाएं करते थे। पहले यह लोग एक फर्जी मोबाइल नम्बर लेते, फिर उस नंबर को एटीएम के अंदर मशीन पर हैल्प लाइन का नम्बर लिखकर चिपका देते थे। बैंक के एटीएम के आस-पास खड़े होकर इन्तजार करते, एक व्यक्ति एटीएम के अन्दर रहता है। जैसे ही कोई ग्राहक एटीएम से पैसे निकालने के लिए आता है। तो गिरोह का एक सदस्य एटीएम मशीन में जहां पर एटीएम कार्ड लगाया जाता है उस जगह पर फेवीक्विक डाल देता। जब कोई व्यक्ति एटीएम से पैसे निकालने के लिए आता और वह अपना एटीएम कार्ड एटीएम मशीन में डालता तो उसका एटीएम कार्ड चिपक जाता। चारो में से कोई भी व्यक्ति वहां खड़ा होकर उस व्यक्ति का पिन नंबर देख लेता और उसको उस लिखे गए नंबर को कस्टमर केयर का नंबर बताकर उस पर फोन करने के लिए कहता था। जब व्यक्ति उस नंबर पर फोन करता, चारों में से एक कोई कस्टमर केयर ऑफिसर बनकर बात करता।

ज्यादातर गौरव मिश्रा ही कस्टमर केयर अधिकारी बनता था, क्योंकि उसे अंग्रेजी बोलना आता था। उस व्यक्ति से कह देते कि आपका एटीएम कार्ड निकालने में अभी समय लगेगा, हमारा कोई कर्मचारी वहां पर आएगा और आपको एटीएम कार्ड एटीएम से निकाल कर देगा। इस कार्यवाही मे एक से दो घंटे या उससे ज्यादा का समय लग सकता है। तब तक आपका एटीएम बन्द कर दिया जाता है और उस व्यक्ति के चले जाने के बाद चाकू से एटीएम कार्ड को निकाल कर उसके खाते से रुपये निकाल लेते थे। कभी-कभी इस काम को करते हुए एटीएम से पैसा निकालने आये भोले-भाले व्यक्तियों के एटीएम से पैसा निकालने में मदद करने के बहाने उसका एटीएम कार्ड ही बदल देते थे। दोनो साथी बटी व मोनू उर्फ रोहित भी गाजियाबाद, नोएडा, इसी प्रकार की घटनाएं करते हैं। इसमें जो भी फायदा होता है वह सभी लोग आपस में बराबर बांट लेते थे। उन्होंने बताया पकड़े गए आरोपी शातिर किस्म के अपराधी है, उन्हें एटीएम द्वारा फर्जीवाडा कर एटीएम मशीन से रूपये निकालने की कई वारदातों को अंजाम दिया है। फरार साथियों की गिरफ्तारी के लिए टीम दबिश दे रही है।