अग्निपथ योजना: दुहाई में प्रदर्शनकारी युवाओं को एसपी ग्रामीण ने पढ़ाया पाठ

गाजियाबाद। केंद्र सरकार द्वारा लाई गई सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को लेकर छात्रों एवं युवाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। छात्र सड़कों पर उतर कर जमकर नारेबाजी और आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। वही मुरादनगर क्षेत्र में दुहाई में दिल्ली-मेरठ हाइवे पर काफी तादाद में जुटे छात्रों द्वारा अग्निपथ योजना का जोरदार विरोध किया। विरोध की सूचना मिलने पर एसपी ग्रामीण डॉ.ईरज राजा, सिटी मजिस्ट्रेट गंभीर सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने छात्रों को किसी तरह समझा-बुझाकर शांत कराया।

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती को लेकर 4 साल की समय सीमा तय की गई है। वहीं रिटायर हो जाने के बाद उन्हें अन्य सरकारी डिपार्टमेंट में संबंध करने की बात भी योजना के तहत की गई। लिहाजा छात्रों द्वारा दोनों ही योजनाओं का जमकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा हैं। छात्रों का आरोप है कि युवा वर्ग भारत माता की सेवा के लिए सेना में भर्ती होने का जज्बा रखता है। इसी के चलते सरकार द्वारा अग्निपथ योजना के तहत केवल 4 वर्ष के लिए भर्ती का जो योजना तैयार की है। उससे युवाओं का मनोबल गिरा हुआ है। इसका सभी छात्र विरोध करते हैं। जिसके चलते जनपद में कई जगह अग्निपथ योजना का विरोध प्रदर्शन किया गया। दुहाई में किए गए प्रदर्शन और नारेबाजी को देखते हुए पुलिस के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसी तरह उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया। उन्हें समझाया गया कि ज्ञापन देने के लिए वही मौके पर मौजूद विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों द्वारा जिलाधिकारी को ज्ञापन देने की बात भी की गई।

गुरुवार को भी मेरठ रोड पर छात्रों द्वारा अग्निपथ योजना का जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया था। वही विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों द्वारा टायरों में सड़क पर रखकर आग भी लगाई गई थी। मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट गंभीर सिंह और सीओ फस्र्ट स्वतंत्र कुमार सिंह ने छात्रों को समझा-बुझाकर किसी तरह मामले को शांत कराने का प्रयास किया गया था। दुहाई में युवा प्रदर्शन के लिए एकत्र होना शुरू हुए थे। बड़ी संख्या में यहां पहुंचे युवाओं ने अग्निवीर योजना को लेकर विरोध करना शुरू ही किया था कि मौके पर पहुंची पुलिस ने युवाओं को समझा दिया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने पहले युवाओं की बात को शांति से सुना और फिर उन्हें प्रदर्शन न करने के लिए समझाया।वह अधिकारियों की बात समझने के बाद प्रदर्शन समाप्त कर वापिस लौट गए।