अटेवा महिला विंग ने एनपीएस व निजीकरण की समाप्ति के लिए भरी हुंकार, द्वीप दान कर सरकार को चेताया

महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस पर पुरानी पेंशन बहाल को लेकर कलेक्ट्रेट पर खोला मोर्चा

गाजियाबाद। 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों शिक्षकों व अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशन बंद कर दी गई और नवीन पेंशन योजना का कोई पता तो नहीं है जबकि पेंशन कर्मचारियों के लिए जीवन पूंजी है। पूरा जीवन संघर्ष के साथ सेवा में लगा देते हैं और उसके बाद पेंशन न मिलने से कर्मचारी व शिक्षक दर-दर भटकने को मजबूर हो जाएंगे, सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करना ही होगा। यह बातें शनिवार शाम को ऑल टीचर्स एम्पलाई वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मनीष शर्मा ने कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कहा पुरानी पेंशन बहाली के लिए अटेवा की मांग जायज है और शिक्षक व कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन सरकार को जल्द बहाल करना चाहिए 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन नहीं दी जा रही है।


अटेवा व एनएमओपीएस के आवाहन महिला विंग के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में सभी जिला मुख्यालयों पर पुरानी पेंशन बहाली तथा एनपीएस व निजीकरण की समाप्ति के लिए द्वीप दान करते हुए पुरानी पेंशन बहाली तथा एनपीएस व निजीकरण समाप्त करने को लेकर प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।


महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष आरती वर्मा ने बताया कि 1 अप्रैल 2004 के बाद केंद्र में तथा 1 जनवरी 2008 के बाद उत्तर प्रदेश की सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बंद कर कर्मचारियों पर एनपीएस थोप दी गई थी। जो किसी भी प्रकार से कर्मचारियों देशहित में नहीं है। जिसके संबंध में स्वयं आप द्वारा भी वर्ष 2013 में तत्कालीन केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पुरानी पेंशन बहाली के लिए अनुरोध किया गया था।


अटेवा व एनएमओपीएस के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली करने व निजीकरण रोकने की मांग पिछले कई वर्षों से कर रहे हैं। अटेवा व एनएमओपीएस निरंतर आपसे विभिन्न धरना प्रदर्शन व कार्यक्रम कर पुरानी पेंशन बहाली के लिए अग्रसर रहता है। महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस के अवसर पर अटेवा व एनएमओपीएस के आवाहन महिला विंग के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में सभी जिला मुख्यालयों पर पुरानी पेंशन बहाली तथा एनपीएस व निजीकरण की समाप्ति के लिए द्वीप दान कार्यक्रम आयोजित किया गया।


मनीष शर्मा ने बताया इस लड़ाई में शिक्षक, कर्मचारी व इंजीनियर एवं विभिन्न संगठनों का समर्थन मिल रहा है। पुरानी पेंशन शिक्षक-कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है। सरकार निजी हाथों में सौंपकर शिक्षक-कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें। सभी दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्षों को पत्र भेजकर के पुरानी पेंशन के पक्ष में बात रखने की मांग की जा चुकी है। लेकिन आज तक कोई संतोषजन जवाब नही मिला। उत्तर प्रदेश में करीब 13.37 लाख व देश भर में 70 लाख से ज्यादा शिक्षक कर्मी एनपीएस की शोषणकारी व्यवस्था के अन्तर्गत हैं। जिस तरह से सरकारे इस मुद्दे पर संवेदनहीन है वह बहुत ही दुखद है। इस मौके पर मीनू शर्मा (जिला महामंत्री महिला प्रकोष्ठ), सीमा महाना (जिला संगठन मंत्री), अंबरीश अंबालिया (जिला प्रवक्ता), सुभांगी अग्रवाल (जिला आईटी सेल प्रभारी), रिकी गुप्ता (ब्लॉक महामंत्री लोनी), रेखा शर्मा (वनॉक संयुक्त मंत्री लोनी), नीरा सिंधु (ब्लॉक महामंत्री भोजपुर), मीनू गोस्वामी (ब्लॉक उपाध्यक्ष भोजपुर), अचल शर्मा (ब्लॉक संगठन मंत्री लोजपुर), नीलम (ब्लाक प्रवक्ता भोजपुर), अनुराधा (ब्लाक मीडिया प्रभारी), प्रियंका वर्मा (ब्लाक सोशल मीडिया प्रभारी भोजपुर), भारती उपाध्यक्ष महानगर के नेतृत्व में समस्त जिला एवम् ब्लॉक कार्यकारणी के साथ जनपद गाजियाबाद के समस्त पेंशन विहीन कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।