बैक बैंचर डीएम, अलग तरीके से प्रशिक्षण का जायजा

-निर्वाचन कर्मचारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

गाजियाबाद। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय का बुधवार को नया रूप देखने को मिला। त्रिस्तरीय पंचायत के कारण मतदान ड्यूटी में लगाए गए 3832 कार्मिकों के प्रशिक्षण के दौरान डीएम ने खाली बैंच पर बैठकर प्रशिक्षण का जायजा लिया। डीएम के बैक बैंचर बिनने से सभी हतप्रभ रह गए। आईजीआरएस के निस्तारण में जहां प्रथम होने पर विकास कार्यों में प्रदेश में दूसरा स्थान मिल चुका है। बैक बैंचर का तमगा चौंकाने वाला था। 15 अपै्रल को जिले में होने वाले मतदान के मद्देनजर मोहननगर स्थित आईटीएस कॉलेज के सभागार में बुधवार को कार्मिकों को प्रशिक्षण 2 पाली में देने की व्यवस्था की गई थी। पहली पाली में सुबह 10 बजे से 12:30 बजे तक ओर दूसरी पाली में डेढ़ बजे से शाम 4 बजे तक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण की क्वालिटी और कार्मिकों का रिस्पांस जानने के लिए जिलाधिकारी कॉलेज में पहुंचे। यहां पर उपस्थित अधिकारियों ने उनका स्वागत किया और उन्हें प्रशिक्षण देने वाले कमरों में लेकर गए। मगर जिलाधिकारी ने सभी को कमरे से बाहर रोक दिया। अकेले ही मास्क लगाकर कमरे में बैच पर बैठ गए। बतौर प्रशिक्षण देने वालों की बात को सुना और आसपास की सीट पर बैठे मतदान कार्मिकों में बतौर साथी प्रशिक्षण के मानक के बारे में फीडबैक व जानकारी ली। प्रशिक्षण देने वालों को और न ही किसी को आभास हो पाया कि डीएम उनके बीच में है। जिलाधिकारी ने प्रशिक्षण देने वालों से मतदान प्रक्रिया को लेकर अपने सवाल भी रखें। इस फीडबैक के आधार पर जिलाधिकारी ने कुछ सुझाव सीडीओ अस्मिता लाल को दिए। प्रशिक्षण की क्वालिटी को लेकर जिलाधिकारी ने विशेष संदेश दिया। पहली पाली में प्रशिक्षण से 22 कार्मिकों समेत तीन पाली में कुल 118 अधिकारी एवं कर्मचारी अनुपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने इन सभी प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने वाले कार्मिकों का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए। अनुपस्थित कािर्मकों को पुन:प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए 9 अपै्रल को बुलाया गया। 9 अपै्रल को प्रशिक्षण में अनुपस्थित हुए तो इनकी एक दिन की सर्विस ब्रेक मानी जाएगी। इनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। बता दें कि जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय अपने कार्यो को लेकर हमेशा चर्चा में रहते है, क्योंकि वह जनता की समस्या को सुलझाने के लिए खुद अपनी कुर्सी छोड़कर बाहर निकल पड़ते है तो कभी लोगों की शिकायत की जांच करने के लिए खुद अधिकारियों के कार्यालयों में पहुंच जाते है। जिलाधिकारी ने गाजियाबाद में अपना पद ग्रहण करने के दौरान सबसे पहले अधिकारियों को सफाई का पाठ पढाया था और उसके बाद जल संरक्षण का। जिसके कुछ दिन बात उनकी एक अनोखी पहल ब्लैक बॉक्स जिसकी खूब सराहना हुई। जिसमें जनता की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई की थी।
गेहूं क्रय केंद्रों पर मुक्मल रहे व्यवस्था :                                                                               जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने प्रदेश सरकार की गेहूं क्रय नीति का जिले के किसानों को भरपूर लाभ पहुंचाने के लिए निर्देश दिए कि गेहूं क्रय केंद्रों पर मुक्कमल व्यवस्था होनी चाहिए। बुधवार को डीएम अजय शंकर पांडेय ने लोनी में पहुंचकर राजकीय गेहूं क्रय केंद्र का निरीक्षण किया। गेहूं क्रय केंद्र पर कई प्रकार की कमियां पाए जाने पर विपणन निरीक्षक रामचंद्र पासी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को भरपूर लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही हैं। जिले में सभी किसानों के गेहूं की बिक्री सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर सुनिश्चित हो सके। जिलाधिकारी ने खाद्य एवं विपणन अधिकारी रोली सिंह को निर्देश दिए कि संचालित गेहूं क्रय केंद्रों पर सरकार की मंशा के अनुरूप पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए किसानों का गेहूं प्राथमिकता के आधार पर खरीदने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। गेहंू का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 प्रति क्विंटल के लिए प्रचार-प्रसार करने को लेकर एक ही बैनर केंद्र पर पाया गया जो मानकों के अनुरूप नहीं था। केंद्र प्रभारी का मोबाइल नंबर नहीं था। निरीक्षण के दौरान गेहूं क्रय केंद्र पर बोरा रजिस्टर डीसीडीसी मोमेंट चालान नहीं पाए गए। अभिलेखों का रखरखाव भी सही प्रकार से नहीं पाया गया। जिलाधिकारी को गेहूं क्रय केंद्र पर मिली खामियां के चलते सेंटर इंचार्ज विपणन निरीक्षक रामचंद्र पासी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए।