बेहतर शिक्षा, चिकित्सा और खेल व्यवस्था पर होगा बेहतर काम: नरेंद्र कश्यप

गाजियाबाद। प्रदेश सरकार नवागत पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि संकल्प के साथ ओबीसी समाज को शत-प्रतिशत योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। शनिवार को नवयुग मार्केट स्थित उड्डपि रेस्टोरेंट में पत्रकारों से वार्ता करते हुए राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि विभाग की योजनाओं के साथ गाजियाबाद के विकास में कराए जाने वालों कार्यों को प्राथमिकता पर पूरा कराया जाए। 100 दिन का रोड मैप बनाकर उस पर कार्य किया जाएगा। उन्होंने राज्यमंत्री बनाए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नेतृत्व की अपेक्षा को शत-प्रतिशत ईमानदारी से पूरा करने के संकल्प के साथ पूरा करूंगा।

राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप ने राज्यसभा सांसद डॉ.अनिल अग्रवाल,भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा,मीडिया प्रभारी सौरभ जायसवाल, नितिन त्यागी,सिद्धार्थ कश्यप आदि की मौजूदगी में कहा कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग एवं दिव्यांगजन अति महत्वपूर्ण हैं। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से प्रदेश की 62 फीसदी आबादी जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से ओबीसी छात्र-छात्राओं की रूकी हुई छात्रवृत्तियों को फिर से शुरू किया जाएगा। ओबीसी समाज के बच्चों की एडमिशन फीस की क्षतिपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी,साथ ही इस समाज के बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग सेंटर व पुस्तकालय खोले जाएंगे।

ओबीसी समाज की लड़कियों की शादी के लिए आर्थिक अनुदान दिया जाएगा। कश्यप ने कहा कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है।इस विभाग का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगों का सशक्तिकरण करना है। इसके तहत उन्हें कृत्रिम अंग, ट्राई साइकिल एवं बीमारियों का इलाज आदि प्रमुख है। गाजियाबाद का नागरिक होने के कारण यहां के विकास की जिम्मेदारी भी उन पर है। युवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनाने का प्रयास किया जाएगा। ग्रामीण अंचलों में नए स्कूल खोलने और स्कूल-कॉलेजों में सुविधाएं विकसित करने पर ध्यान दिया जाएगा। गाजियाबाद का पिछले कई साल में प्रदूषण स्तर बढ़ गया है।

इस दिशा में भी कार्य करने का प्रयास किया जाएगा। ओबीसी समाज की 17 जातियां जैसे बिंद, कश्यप, कुम्हार, मल्लाह, राजभर आदि को अनुसूचित जाति-जनजाति में शामिल करने का अभियान जारी रहेगा। फिलहाल यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित है।इस मामले में संबंधित सारी फाइलें मंगाई हैं। निरीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।