मांगों को लेकर बिल्डर एसोसिएशन ने की प्रमुख सचिव आवास से मुलाकात

  • ट्रांस हिण्डन एरिया में 90 मीटर और उसके ऊपर के प्लॉट पर पार्किंग व चार मंजिल फ्लोर बनाने की मांग
  • छोटे बिल्डरों के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार से बिल्डर परेशान
  • कम कीमत में आम आदमी के घर का सपना कैसे होगा पूरा

लखनऊ/गाजियाबाद। ट्रांस हिंडन बिल्डर वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन तथा व्यापारी एकता समिति इंदिरापुरम के संयोजक प्रदीप गुप्ता, व्यापारी सुरक्षा फोरम संस्थान वैशाली के अध्यक्ष संजय रस्तोगी ने बुधवार को इंदिरापुरम, वैशाली में जीडीए द्वारा रोके गए काम को लेकर व ट्रांस हिण्डन एरिया में 90 मीटर और उसके ऊपर के प्लॉट पर पार्किंग तथा चार मंजिल फ्लोर बनाने के प्रावधान को लेकर लखनऊ में प्रमुख सचिव आवास गोकर्ण, उप सचिव एके सिंह और सीटीपीसी अनूप श्रीवास्तव से उनके कार्यालय पर मुलाकात मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।

संयोजक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि हाल ही में जीडीए से जानकारी मिली कि शासन स्तर पर जाने पर ही आपकी मांगों पर गंभीरता से विचार हो सकता है। क्योंकि बिना शासन की अनुमति के यह सब संभव नही है। ट्रांस हिंडन बिल्डर वेलफेयर एसोसिएशन की लंबे समय से ट्रांस हिंडन एरिया में दिल्ली और हरियाणा की तरह 90 मीटर और उससे बड़े प्लॉट पर स्टील पार्किंग के साथ चार मंजिल फ्लोर बनाने की मांग रही है जिसको अभी तक नजर अंदाज किया गया है। उन्होंने बताया गाजियाबाद एक स्मार्ट सिटी है और यहां के ट्रांस हिंडन क्षेत्र में अधिकतम जनसंख्या दिल्ली में नौकरी या व्यापार करता है। दिल्ली की तरह यहां भी जमीनों के दाम काफी मंहगे है। लेकिन उसके बाद यहां पर जीडीए द्वारा सिंगल यूनिट के प्लॉट आवंटित किए जाने के कारण, तथा उनमें 150 मीटर तक के प्लॉट पर पार्किंग का प्रावधान ना होने के कारण यहां के निवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

दिए गये ज्ञापन में व्यापारी सुरक्षा फोरम संस्थान वैशाली के अध्यक्ष संजय रस्तोगी ने बताया विगत 20 वर्षों में जहां एक और गाजियाबाद में बड़े प्लॉटों की सोसायटी के प्लॉटों की एफएआर बढ़ाई गई है। परंतु, वहीं दूसरी ओर छोटे प्लॉट वालों के साथ हमेशा से ही सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उनकी एफएआर बढ़ाने के स्थान पर निरंतर कम होती जा रही है। अगर यही हाल रहा तो छोटे बिल्डर सड़क पर आ जाएंगे। महंगी जमीन के चलते कम कीमत में आम आदमी का अपने घर का सपना पूरा कैसे हो सकेंगा। इसी को ध्यान में रखते हुए 2014 में यहां पर पार्किंग के साथ चार मंजिल का प्रावधान किया गया था। जिसमें एफएआर बढ़ाकर 3 की गई थी, परंतु 2017 में यहां पर दोबारा से एफएआर कम कर दी गई और 150 मीटर तक पार्किंग को भी खत्म कर दिया गया।

यहां पर 15 से 20 वर्षों से आवासीय प्लॉट पर फ्लैट बनाने का कल्चरल है। इसमें काफी मात्रा में छोटे-छोटे बिल्डर अपना कार्य कर रहे है, जिससे लाखो लोगों को रोजगार मिल रहा है और सस्ते दामों में आम आदमी के घर का सपना पूरा हो रहा है। जिसे रोकना गलत होगा। उन्होंने आग्रह किया कि ट्रांस हिंडन एरिया में दिल्ली और हरियाणा की तरह 90 मीटर से ऊपर के प्लाट पर पार्किंग के साथ चार मंजिल बनाने का प्रावधान लागू किया जाए। तभी यहां का समुचित विकास संभव हो पाएगा। सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी, छोटे-छोटे बिल्डरों के साथ लाखों लोगों को रोजगार मिल पाएगा और आम आदमी का सस्ती कीमत में मकान लेने का सपना भी पूरा हो पाएगा।