स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल जानने गाजियाबाद पहुंचे उप मुख्यमत्री बृजेश पाठक ने डॉक्टरों के कार्यों को देख लगाई फटकार

-डिप्टी सीएम ने किया संयुक्त अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, नदारद रहे कई डॉक्टर
-मरीजों को मिलने वाले इलाज का लिया जायजा  

गाजियाबाद। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सोमवार को सुबह करीब 9 बजे सेक्टर-23 संजय नगर स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। उप मुख्यमंत्री के अचानक अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों में हड़कंप मच गया।उन्होंने अस्पताल में मरीजों और उनके सगे संबंधियों से बातचीत की। उप मुख्यमत्री ने आदेश दिए कि अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को रेफर न किया जाए। उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद  मेरठ मंडल के चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक भी की। उपमुख्यमंत्री के करीब 9 बजे अस्पताल में पहुंचने पर उन्होंने सबसे पहले ओपीडी का जायजा लिया। इस दौरान अस्पताल की सफाई व्यवस्था खराब मिलने पर सीएमएस डॉ.विनोद पांडेय को जमकर फटकार लगाई। इसमेें सुधार लाने के दिशा निर्देश दिए। ओपीडी से चिकित्सक राहुल वर्मा के अनुपस्थित मिलने पर नाराजगी जताई। इस बीच पत्रकारों ने सवाल किया कि अस्पताल परिसर में ट्रामा सेंटर बनाया गया है,लेकिन एक लंबे समय बाद भी इसमें विशेषज्ञों की तैनाती नहीं की गई है,परिणाम स्वरूप हादसे के दौरान घायलों को रेफर कर दिया जाता है।

उप मुख्यमंत्री ने सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर एवं अधीनस्थ अधिकारियों को आदेशित किया कि साक्षात्कार के माध्यम से विशेषज्ञ तैनात किए जाए। जिले के कुछ गांवों में संक्रामक रोग फैल रहे है। इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द बीमारी पर नियंत्रण कर लिया जाएगा। नगर निगम  द्वारा महानगर में बेकाबू बने डेंगू की रोक थाम के प्रति दिलचस्पी नहीं ली जा रही है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम के अधिकारियों से बातचीत की जाएगी। अस्पताल के दौरे पर आए उपमुख्यंत्री को प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ गाजियाबाद शाखा ने ज्ञापन भी सौंपा। संघ के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि इस समय लेवल-4(अपर मुख्य चिकत्सा अधिकारी और संयुक्त निदेशक) के लगभग 1400 से 1500 पद रिक्त हैं। जनपदों में विभिन्न कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से चलाने के लिए कुशल अधिकारियों की भारी कमी है। पूर्व प्रचलित सेवा नियमावली से लगभग 1200 पदों पर पदोन्नति हो सकती थी। इसके सापेक्ष सिर्फ 300 से 400 पदोन्नति की गईं। ऐसी स्थिति में चिकित्सक अंदर ही अंदर कुंठा महसूस कर रहे हैं। उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर मांग की गई कि पुरानी सेवा नियमावली पुन: बहाल की जाए। जिससे चिकित्सकों को समान और उचित अवसर प्राप्त हो सकें। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इन सभी मांगों पर गौर करने का भरोसा दिया है। उपमुख्यमंत्री ने मरीजों से भी हाल जाना,वहीं अस्पताल में जहां कई डॉक्टर अपनी सीट पर उपस्थित नहीं मिले।

वहीं,गंदगी देख वह भड़क उठे। अस्पताल के सीएमएस डॉ. विनोद पांडेय से इसका जवाब मांगा तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए। उपमुख्यमंत्री ने टीबी मरीजों को पोषण किट और आयुष्मान भारत कार्ड धारकों को गोल्डन कार्ड भी वितरित किए। इसके बाद उन्होंने हापुड़,मेरठ, बुलंदशहर,नोएडा और गाजियाबाद के सीएमओ,चिकित्सा अधीक्षकों के साथ बैठक की और वर्तमान में फैल रही बीमारियों की रोकथाम के लिए कडे निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरी तरह से बीमारियों से लडऩे के लिए तैयार है।जो भी खामियां है, उन्हें दूर किया जा रहा हैं।हर अस्पताल में दवाओं से लेकर इलाज और अन्य जांचों की व्यवस्था की गई है। पोर्टल के जरिए मरीजों की मॉनिटरिंग की जा रही है ताकि कहीं कोई कमी न रह जाए। डेंगू-मलेरिया रोग की रोकथाम के लिए समीक्षा बैठक करने आए उपमुख्यमंत्री को निरीक्षण के दौरान मच्छरों का सामना करना पडा। कक्ष संख्या पांच में जब वह निरीक्षण के लिए पहुंचे तो डॉक्टर के बैठने की सीट से लेकर खिड़की तक में गंदगी पाई गई। कक्ष में मच्छरों की भरमार भी मिली।

ओपीडी में इलाज के लिए आए संजयनगर निवासी बुजुर्ग रघुराम ने उनके सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया। डेंगू से पीडि़त रघुराज का अस्पताल में इलाज चला है।वह अब ठीक हैं। उप मुख्यमंत्री ने उनका हाल जाना तो उन्होंने सभी व्यवस्थाएं ठीक बता उन्हें आशीर्वाद दिया। उपमुख्यमंत्री ने 10 क्षय रोगियों को गोद लेकर उन्हें पुष्टाहार वितरित किया।टीबी चैंपियन राजकुमार को उप मुख्यमंत्री ने काफी देर तक दुलारा। दिव्यांग होने के बाद राजकुमार खुद टीबी से ठीक होने के बाद टीबी चैंपियन बनकर 300 क्षय रोगियों का उपचार पूरा करा चुके हैं। उपमुख्यमंत्री ने गोद लिए क्षय रोगियों में छह महिला,दो पुरुष और दो बच्चे शामिल हैं। इन सभी को पोषण किट प्रदान की। पोषण किट में सोयाबीन, मूंगफली दाना, दलिया और भुना हुआ चना समेत अन्य पौष्टिक आहार शामिल किए गए हैं। उन्होंने क्षय रोगियों को नियमित रूप से दवा खाते रहने और समय-समय पर अपने परिजनों की टीबी जांच कराते रहने की बात कही। उन्होंने क्षय रोगियों की हौसला आफजाई करते हुए कहा कि टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है बशर्तें आपने उपचार नियमित रूप से लिया हो। क्षय रोग विभाग के पास अब दुनिया का सबसे बेहतर इलाज उपलब्ध है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी(सीएमओ)डॉ.भवतोष शंखधर ने बताया कि टीबी चैंपियन राजकुमार की जीवटता किसी को प्रेरणा देने के लिए पर्याप्त है। यह अब तक 300 क्षय रोगियों को टीबी मुक्त करा चुके हैं।