नगर आयुक्त की पहल से वाहन चालकों को मिली राहत

-लाइसेंस शुल्क से मिले 61 लाख रुपए

गाजियाबाद। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर की पहल से नगर निगम एवं वाहन चालकों के बीच ठेकेदारी प्रथा खत्म होने से वाहन चालकों को बड़ी राहत मिली है। वहीं, नगर निगम को सालभर में वाहनों के लाइसेंस शुल्क से होने वाली करीब 27 लाख की आय में बढ़ोतरी होने के बाद 61 लाख रुपए से अधिक लाइसेंस शुल्क की फीस के रूप में मिला हैं। वहीं वाहन चालकों ने मेयर एवं नगर आयुक्त का आभार व्यक्त किया है।

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉक्टर संजीव सिन्हा ने बताया कि मध्य स्तरीय ठेकेदार द्वारा गलत तरीके से वाहन चालकों की पर्ची काटी जाती थी। जिसको ठेकेदारों की टीम द्वारा वाहन शुल्क को पार्किंग शुल्क के नाम पर वाहन चालकों को गुमराह कर वसूला जाता था। जिससे वाहन चालकों का उत्पीडऩ हो रहा था। मगर नगर आयुक्त के निर्देशानुसार सीधे नगर निगम द्वारा वाहन चालकों से वार्षिक लाइसेंस शुल्क वसूलने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया और इसके तहत 2 सीटर वाहन चालकों से 360 रुपए और4 सीटर वाले वाहन चालकों से 500 रुपए और 7 सीटर वाले वाहन चालकों से 720 वार्षिक लाइसेंस शुल्क वसूले जा रहे हैं। इस लाइसेंस शुल्क से नगर निगम की आय में वृद्धि हुई हैं।

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि पूर्व में वाहन शुल्क के रूप में लगभग 27 लाख रुपए वार्षिक आय थी। लेकिन इस वर्ष में लाइसेंस शुल्क व अन्य शुल्क से 61 लाख रुपए से अधिक की आय निगम केा प्राप्त हुई है। वाहन चालकों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई। नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा के निर्देशन में टीमों द्वारा प्रतिदिन ऑटो रिक्शा चालकों से वार्षिक लाइसेंस शुल्क वसूला जाता है। इसकी पर्ची दी जाती है। निगम के सभी जोनों में जोनल प्रभारियों द्वारा लाइसेंस शुल्क जमा कराया जा रहा हैं। सभी जोनों में जोनल प्रभारियों के माध्यम से उक्त योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है। जिसमें वाहन चालकों का भी विशेष सहयोग नगर निगम को प्राप्त हो रहा है।