बिजली विभाग में काली पट्टी बांधकर इंजीनियरों ने किया काम

-पावर कारपोरेशन प्रबंधन के खिलाफ 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार

गाजियाबाद। पावर कारपोरेशन प्रबंधन की उत्पीडऩात्मक कार्यवाहियों के विरोध में एवं लंबित ज्वलन्त समस्याओं के समाधान के लिए एक बार फिर सोमवार को बिजली इंजीनियरों ने काली पट्टी बांधकर पूरे दिन विरोध जाहिर किया। साथ ही ऐलान किया कि उत्पीडन बंद न होने और सार्थक समाधान न होने पर 18 अक्टूबर से नियमानुसार कार्य (वर्क टू रूल) शुरू करेंगे और 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जाएगा। बता दें कि सोमवार को बिजली इंजीनियरों ने काली पट्टी बांधकर पूरे प्रदेश में गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, बस्ती, मिर्जापुर, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, बरेली, अयोध्या, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलन्दशहर, देवीपाटन, आगरा, मथुरा, झांसी, बांदा, अलीगढ़, हाथरस, चित्रकूट, देवरिया, हमीरपुर समेत सभी जनपद मुख्यालयों व अनपरा, ओबरा, पारीछा, हरदुआगंज, पनकी, खारा समेत सभी परियोजनाओं पर समस्त अभियन्ताओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया।क्षेत्रीय सचिव हिर्देश गोस्वामी ने बताया कि सभी ऊर्जा निगमों के तमाम अभियन्ताओं ने पूरे दिन काली पट्टी बांध कर विरोध दिवस मनाया व समस्त जनपद मुख्यालयों व परियोजनाओं पर 5 बजे विरोध सभा कर जमकर नारेबाजी की। मंगलवार को पूरे प्रदेश में काली पट्टी बांध कर ध्यानाकर्षण किया जायेगा।

क्षेत्रीय सचिव ने बताया कि उत्पादन निगम में कोयले के भुगतान नहीं होने के कारण कोयले की आपूर्ति बाधित हो रही है। जिससे प्रदेश को सस्ती बिजली देने वाली सरकारी उपक्रम उत्पादन निगम के परियोजनाओं में उत्पादन प्रभावित हो रहा है। जो कि प्रबन्धन की एक बड़ी विफलता है। आन्दोलन के अगले चरण में 6, 7 व 8 अक्टूबर को शाम 4 बजे से 5 बजे तक 1 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जायेगा। 11, 11 एवं 13 अक्टूबर को सायं 3 से 5 बजे तक 2 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा और 18 से 23 अक्टूबर तक 2 बजे से सायं 5 बजे तक 3 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा। विद्युत अभियन्ता कार्य के समय में भी केवल अपने लिए ही निर्धारित कार्य करेंगे, अन्य कोई कार्य नहीं किया जाएगा। जब तक समस्याओं का सार्थक समाधान नही हो जाता तब तक 26 अक्टूबर से सभी अभियन्ता अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर देगें।

अभियन्ताओं की प्रमुख मांगे:
सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी का पुनर्गठन किया जाये, 6 अक्टूबर 2020 को कैबिनेट उप समिति के साथ हुए समझौते के तहत वाराणसी व अन्य स्थानों पर आन्दोलन के कारण दर्ज एफआईआर वापस लिया जाए, वर्ष 2000 के बाद नियुक्त सभी अभियन्ताओं के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाये, अभियन्ताओं की सभी वेतन विसंगति दूर की जाये, निदेशक के पदों पर आयु सीमा 60 वर्ष की जाये, ग्रेटर नोएडा के निजीकरण व आगरा के फ्रेंचाइजीकरण रद्द किये जायें, उत्पीडऩ की दृष्टि से पदोन्नति के नियमों में किये गये प्रतिगामी परिवर्तन वापस लिये जायें, सभी संसूचित अस्पतालों में कैशलेस मेडिकल की सुविधा दी जाये, उत्पादन निगम में 2008 ई0एण्डएम0 बैच व 2011 सिविल बैच की अतिशीघ्र पदोन्नतियां की जाए तथा पावर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा की गई समस्त उत्पीडऩात्मक कार्यवाहियां वापस लिया जाए, सहायक अभियंताओं का नियुक्ति ग्रेड पेय 6600 किया जाय, तृतीय एसीपी पर ग्रेड 11000 का वेतनमान देने सहित अन्य वेतन विसंगतियां दूर की जाए, इंजीनियर प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए। प्रबंधन को पूर्व में प्रेषित नोटिस में अभियन्ता संघ ने चेतावनी दी है कि यदि किसी भी अभियन्ता का आन्दोलन के कारण उत्पीडऩ किया गया तो बिना कोई नोटिस दिये सभी ऊर्जा निगमां के अभियन्ता सीधी कार्यवाही प्रारम्भ कर देगें।