प्रिटिंग प्रेस में नामी प्रकाशन के नाम पर छाप रहा था नकली बुक

करोड़ो रूपए की नकली बुक समेत संचालक गिरफ्तार

गाजियाबाद। पब्लिकेशन ब्रांड ओरिएन्ट ब्लैक स्वान, स्पैक्ट्रम, क्रोनिकल बुक्स, मैकग्राहिल, केडी पब्लिकेशन, यूबीएसपीडी के नाम पर नकली बुक छापकर लोगों को कम दाम में बेंचकर मोटा मुनाफा कमाने वाले गिरोह का पर्दाफास करते हुए ट्रोनिका सिटी पुलिस ने शातिर आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिसके कब्जे से विभिन्न पब्लिकेशन हाउस की पचास हजार से अधिक नकली किताबें, करोड़ो रूपए की बरामद किया गया। आरोपित कम रेट पर ऑनलाइन द्वारा किताबों को बेचता था। आरोपित पिछले करीब 6 माह से अपनी प्रिटिंग प्रेस पर नकली बुक को छापता था और बुक को दिल्ली समेत अन्य जिलों में भी बुक डिपों के माध्यम से नकली बुकों को सस्ते दाम में बेंच रहा था। ट्रोनिका सिटी थाने में शुक्रवार को एसपी देहात डॉ. ईरज राजा ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि दोपहर मुखबिर से सूचना मिली कि ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र के ए-7 प्लाट नंबर डी-15 की ए टू जैड प्रिंटिंग प्रेस में भिन्न भिन्न ब्रांड कि नकली बुक प्रिंट की जा रही हैं। जिसमें ओरिएंट ब्लैक स्वान, स्पैक्ट्रम बुक्स, क्रोनिकल बुक्स, मैकग्राहिल, केडी पब्लिकेशन, यूवीएसपीडी आदि पब्लिकेशन के नाम से नकली बुक प्रिंट की जा रही हैं। जानकारी मिलते ही ट्रॉनिका सिटी थाना प्रभारी उमेश पंवार की टीम मौके पर पहुंची। जहां प्रिंट करते हुए फैक्ट्री संचालक गुल मौहम्मद पुत्र आरिफ मलिक निवासी एटूजेड प्रिंटिंग प्रैस सैक्टर ए-7 प्लाट डी-15 ट्रॉनिका सिटी को गिरफ्तार कर लिया। उसके साथ में काम करने वाला साथी फरार हो गया। एसपी देहात ने बताया कि गुल मौ ने कुरान शरीफ की बुक प्रिट करने के बहाने फिरोज से फैक्ट्री को किराए पर लिया था। लेकिन वह फैक्ट्री में भिन्न ब्रांड की कम्पीटीशन की नकली बुक छापने का काम करने लगा। पुलिस ने छापेमारी के दौरान फैक्ट्री से करीब 3-4 करोड़ कीमत की अलग अलग ब्रांड की नकली बुक बरामद की है। साथ ही पुलिस ने प्रिंटिंग मशीन, बाइंिडग मशीन व होलोग्राम कवर बरामद किया है। उन्होने बताया आरोपित पिछले करीब 6 माह से नकली बुक की प्रिटिंग कर रहा था। जिसके बाद से बुक को छापकर दिल्ली समेत अन्य जिलों में बुक डिपो से संपर्क कर उन्हे कम दाम में बेचता था। किताबों को रिटेलर, आनलाइन बेचता था। पांच सौ व आठ सौ रुपये कीमत की किताबों को वह सौ से दो सौ रुपये में बेच देता था। किताब बेचकर वह अपना खर्च चलाता था। आरोपित नकली बुक को छापकर करोड़ो रूपए कमा चुका है। गिरोह के अन्य साथियों की भी तलाश की जा रही है।