गौतम पब्लिक सी. सै. स्कूल में बसंत पंचमी पर्व पर वार्षिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन 

खेलकूद से विद्यार्थियों का स्वास्थ्य व मस्तिष्क सुदृढ़ होता है: पूनम गौतम
मॉ सरस्वती बुद्धि, विद्या और ज्ञान की स्वामिनी: तनूजा

गाजियाबाद। प्रताप विहार स्थित गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बुधवार को बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान वार्षिक खेल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। विद्यालय के निदेशक आशीष गौतम, प्रधानाचार्या पूनम गौतम, उप प्रधानाचार्या तनूजा, एकेडमिक हेड चेतन शर्मा, अध्यापकगण और विद्यार्थियों ने संयुक्त रूप से माँ शारदे के चित्र पर पुष्प अर्पित किए।

प्रधानाचार्या पूनम गौतम ने बसंत पंचमी की महत्व बताते हुए कहा बसंत पंचमी को शिक्षा का पर्व माना जाता है, जो ज्ञान, बुद्धि और कला की देवी सरस्वती को समर्पित है। मां सरस्वती ही सम्पूर्ण सृष्टी में वाणी और रचनात्मकता का संचार करती है। सम्पूर्ण धरा पर जो भी विविधता और रचनात्मकता है वो मां सरस्वती के आशीर्वाद से ही संभव है। इसलिए ही बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इसके साथ उन्होने वार्षिक खेल पर प्रकाश डालते हुए कहा वार्षिक खेलकूद के आयोजन से छात्रों को जो खेल पसंद है, उसे सीखने का अवसर मिलता है।

इसके अलावा खेलकूद से विद्यार्थियों का स्वास्थ्य व मस्तिष्क सुदृढ़ होता है। उन्होने कहा, किताबी ज्ञान के साथ ही छात्रों को खेलकूद आदि अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा लेना चाहिए। विद्यालयों में बहुत-से खेल खेले जाते हैं। वार्षिक खेल-कूद समारोह प्रत्येक छात्र को नई ऊर्जा से भर देता है। प्रति वर्ष स्कूल से कुछ छात्र राज्य स्तर पर चुने जाते है।
उपप्रधानाचार्या तनूजा ने माँ शारदे की श्लोक के साथ किया या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा छात्रों के शारीरिक और मानसिक विकास में योगदान करते हैं। विद्यालयों में बहुत-से खेल खेले जाते हैं।

इस छात्रों की मदद के लिए खेल-प्रशिक्षक होते हैं। शैक्षिक सत्र के अंत में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। सभी प्रोत्साहित किया जाता है। बसंत पंचमी हमारे देश का सबसे पवित्र त्यौहार है जिसमें सभी अध्यापक व बच्चे मां सरस्वती के चरणों में बैठकर विद्या का वरदान पाने के लिए उनकी पूजा अर्चना करते है। सनातन धर्म में माता सरस्वती को विद्या, बुद्धि और ज्ञान के साथ-साथ संगीत और कला ज्ञान की देवी माना जाता है।

जो माता सरस्वती की पूजा सच्ची भक्ति के साथ करते हैं उन्हें मां बुद्धि, विद्या और ज्ञान प्रदान करती हैं, क्योंकि वे ज्ञान की स्वामिनी हैं। एकेडमिक हेड चेतन शर्मा ने खेल के प्रति अपने विचारों को रखते हुए बच्चों के मानसिक, बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए प्रेरित किया। मनुष्य जीवन का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। स्वस्थ जीवन ही मानव जीवन की सफलता है। स्वस्थ रहने के लिए मानव जीवन का सक्रिय होना बहुत जरुरी है।

यही स्वस्थ जीवन खेल-कूद के माध्यम से अधिक आती है। खेल-कूद के माध्यम से शारीरिक विकास ही नहीं बल्कि मानसिक विकास भी होता है। इसीलिए सभी लोगों के जीवन में चाहे वो विद्यार्थी हो या अन्य लोग खेल-कूद का होना अधिक महत्वपूर्ण है।