शहर को सुरक्षित बनाने के लिए जीडीए और नगर निगम मिलकर करेंगे काम

गाजियाबाद। गाजियाबाद शहर को सेफ सिटी बनाने के लिए कसरत आरंभ हो गई है। खासकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए सेफ सिटी योजना को अमली-जामा पहनाने को जीडीए और नगर निगम द्वारा संयुक्त रूप से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। डीपीआर तैयार होने के बाद इसे मंडलायुक्त को भेजा जाएगा। तदुपरांत शासन को डीपीआर भेजी जाएगी। जीडीए द्वारा सेफ सिटी की डीपीआर बनाने के लिए इस पर काम किया जा रहा हैं। बता दें कि मेरठ मंडल की आयुक्त अनीता सी मेश्राम ने 20 फरवरी को जीडीए बोर्ड बैठक के बाद सेफ सिटी को लेकर जीडीए और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। मंडलायुक्त ने इसकी जल्द डीपीआर तैयार कर भेजने के निर्देश दिए थे। मंडलायुक्त के निर्देश पर अब जीडीए और नगर निगम मिलकर सेफ सिटी की डीपीआर तैयार करने में जुटना शुरू हो गए हैं। जीडीए के चीफ इंजीनियर विवेकानंद सिंह ने बताया कि सेफ सिटी की डीपीआर तैयार कराई जा रही है। सेफ सिटी के तहत शहर में करीब 135 सीसीटीवी कैमरे लगाने के अलावा पिंक बूथ और पिंक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। वहीं, दिल्ली और नोएडा से सटे बॉर्डर और बाजारों को सीसीटीवी कैमरों से कवर किया जाएगा। बाजार में लगे कैमरे कनेक्ट होंगे। इसके लिए कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। कंट्रोल रूम से कैमरों की कनेक्टिविटी होगी। सेफ सिटी की अब डीपीआर बनाने के लिए तैयारी कर दी गई है। सेफ सिटी शहर बनाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा इसमें फंडिंग की शेयरिंग होगी। डीपीआर फाइनल होने के बाद ही धनराशि स्पष्ट हो सकेगी। जीडीए के चीफ इंजीनियर विवेकानंद सिंह ने बताया कि मंडलायुक्त नेे सप्ताहभर में डीपीआर तैयार करने के लिए निर्देश दिए हैं। इस योजना को इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) से जोड़ा जाएगा। नगर निगम द्वारा अब आईटीएमएस योजना का नोडल विभाग होने के चलते कार्य देखा जा रहा हैं। आईटीएमएस की करीब 45 करोड़ रुपए की संशोधित डीपीआर शासन को भेजी जा चुकी है। जीडीए ने अब सेफ सिटी की डीपीआर बनाने के लिए कवायद शुरू कर दी हैं।