स्वास्थ्य विभाग ने नवंबर माह में खोजें 749 क्षय रोगी, जांच बढ़ाने के निर्देश

-कुल 9708 क्षय रोगियों का चल रहा उपचार, 6653 को मिल चुके हैं निक्षय मित्र

गाजियाबाद। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर का टीबी जांच बढ़ाने का असर दिखने लगा है। जिले में नवंबर माह के दौरान 749 नए क्षय रोगी खोजे गए हैं। सभी का उपचार शुरू कर दिया गया है। सीएमओ ने बताया जनपद में वर्तमान में कुल 9708 क्षय रोगियों का उपचार चल रहा है। उन्होंने क्षय रोग विभाग को जांच बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, साथ ही सभी टीबी यूनिट द्वारा जांच किए जा रहे नमूनों के बारे में रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि सीएमओ के आदेश पर जिले में रोजाना करीब एक हजार स्पुटम (बलगम के नमूने) की जांच हो रही है। मंगलवार को उन्होंने जांच और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. डीएम सक्सेना को सभी टीबी यूनिटों की लगातार समीक्षा करने को भी कहा है।

सीएमओ का कहना है कि जांच बढ़ाकर ही जनपद को क्षय रोग मुक्त किया जा सकता है। दरअसल क्षय रोगियों की जल्दी पहचान और उपचार से ही टीबी का फैलाव रोका जा सकता है। 90 प्रतिशत मामले पल्मोनरी यानि फेफड़ों की टीबी के होते हैं, जो सांस के जरिए फैलती है। देर से उपचार शुरू होने पर कोई भी क्षय रोगी कई अन्य लोगों को संक्रमित कर चुका होता है। इसलिए टीबी का फैलाव रोकना है तो अधिक से अधिक रोगियों को खोजा जाना जरूरी है। सीएमओ ने बताया क्षय रोगियों को बेहतर पोषण दिया जाना जरूरी होता है। इसके लिए निक्षय पोषण योजना के तहत पांच सौ रुपए प्रतिमाह उनके खाते में भेजने के साथ ही निक्षय मित्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। निक्षय मित्र क्षय रोगियों को गोद लेकर उनको सामाजिक और भावनात्मक सहयोग के अलावा हर माह पुष्टाहार भी उपलब्ध करा रहे हैं। अब तक जिले में 6653 क्षय रोगियों को निक्षय मित्र मिल चुके हैं।

यशोदा अस्पताल ने लिए 150 क्षय रोगी और गोद
मंगलवार को भी कौशांबी स्थित यशोदा अस्पताल की ओर से 150 क्षय रोगी गोद लिए गए हैं। इन्हें मुरादनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पुष्टाहार उपलब्ध कराया गया। इस अवसर पर सीएचसी मुरादनगर अधीक्षक डा. प्रदीप यादव, डॉ. देवीलाल, प्राणेश कुमार दुबे, टीबीएचवी हरीश कुमार, ओमकार सिंह, जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर दीपाली गुप्ता और यशोदा अस्पताल से विजय कुमार शर्मा व अरुण शर्मा मौजूद रहे। बता दें कि यशोदा अस्पताल इससे पहले भी क्षय रोगियों को गोद ले चुका है।