आपसी विकास और समृद्धि के लिए भारत-अमेरिका व्यापार की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका: डॉ पीएन अरोड़ा

अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में डॉ पीएन अरोड़ा एवं डॉ उपासना अरोड़ा ने की शिरकत

गाजियाबाद। भारत गणराज्य में नवनियुक्त संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत महामहिम एरिक गार्सेटी के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज के दौरान यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी के सीएमडी डॉ पीएन अरोड़ा एवं प्रबंध निदेशिका (एमडी) डॉ उपासना अरोड़ा शामिल हुए और उन्होंने बताया कि हमें उनसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण और उपयोगी बातचीत में भाग लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। शुक्रवार को रात्रिभोज नई दिल्ली के द ललित होटल में इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित किया गया। इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स की नॉर्थ रीजन की अध्यक्षा डॉ उपासना अरोड़ा ने रात्रि भोज कार्यक्रम की अध्यक्षता की और बताया कि डिनर के दौरान हुई बातचीत में हमारा प्राथमिक उद्देश्य उन संभावित रास्तों की खोज करना था जो भारत और अमेरिका के बीच संबंधों की आधारशिला को और मजबूत कर सकें। उन्होंने कहा कि ग्लोबल स्तर से अमेरिका के लिए भारत बहुत मायने रखता है। इसमें इनके बीच व्यापार की भूमिका बहुत बड़ी है। यही वजह है कि दो साल में आपसी व्यापार में 48 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।


2022-23 में अमेरिका हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है। इस दौरान भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 128.55 अरब डॉलर तक पहुंच गया। ये आंकड़े बताने के लिए काफी है कि दोनों देशों में आर्थिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। डॉ. उपासना अरोड़ा ने कहा कि पूरी शाम के दौरान, हमारी चर्चाएं व्यापक विषयों पर आधारित रहीं, क्योंकि हमने अपने देशों के बीच व्यापार को मजबूत करने में सक्षम ठोस उपायों की पहचान करने की कोशिश की। साझा दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, हमने न केवल भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया। बल्कि स्वास्थ्य के क्षेेत्र में भी परस्पर सहयोग को गहरा करने और चिकित्सा अनुसंधान, तकनीकी एवं प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने के लिए नवीन रास्ते तलाशने का भी प्रयास किया।

भारत के लिए अमेरिका से व्यापारिक संबंध बढऩा सामरिक नजरिए से भी काफी आवश्यक है। जैसा कि विदित है कि सीमा विवाद की वजह से चीन के साथ हमारे रिश्ते पिछले तीन-चार साल से लगातार खराब होते गए हैं। डॉ अरोड़ा ने कहा कि अमेरिका के लिए भारत एक बड़ा बाजार है और अमेरिका शोध एवं विकास अनुसंधानों में भारत की मदद करने की क्षमता रखता है द्विपक्षीय व्यापार के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहलू है। भारत का अमेरिका में एक मजबूत प्रवासी बेस है जो अमेरिका को हर छेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं, उनके द्वारा बनाये गए विभिन्न संगठन दोनों देशों के बीच परस्परिक रिश्तों को मजबूत करने की बातचीत कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें भी साथ लेकर कैसे चला जाए इसपर भी बातचीत हुई।