ओम त्यागी को भू-माफिया घोषित करने वाली रिपोर्ट नगर आयुक्त ने डीएम को भेजी

राजनीतिक प्रशिक्षण केंद्र की भूमि बेचने का मामला

गाजियाबाद। नगर निगम की भूमि को अपना बताकर सीधे-साधे गरीब एवं अनपढ़ लोगों को प्लॉट बेचकर मोटी कमाई करने वाले भू-माफिया पर अब शिकंजा कसने की उम्मीद है। नगरायुक्त ने इस संबंध में तैयार जांच रिपोर्ट को जिलाधिकारी को भेज दिया है। रिपोर्ट में भू-माफिया की कारगुजारी का खुलासा किया गया है। जांच समिति ने आरोपियों को भू-माफिया घोषित करने की संस्तुति कर दी है। उधर, नगरायुक्त का कहना है कि एफआईआर होने के बाद जांच में यदि राजस्व विभाग अथवा नगर निगम के किसी अधिकारी व कर्मचारी की भूमिका सामने आती है तो संबंधित के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश शासन ने गाजियाबाद शहर में राजनीतिक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करने के निर्देश दिए थे। इसके चलते नगर निगम ने सिहानी गांव में भूमि का चयन किया था। सिहानी गांव में खसरा नंबर-31, 33 मि., 36 एवं 37 की भूमि की देख-रेख नगर निगम के जिम्मे है।

अभी टूटने हैं 101 अवैध मकान
इस भूमि पर राजनीतिक प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण होना है। वहां काफी भूमि पर अवैध निर्माण कर लिया गया था। प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण कार्य बाधित होने पर गत वर्ष 10 अक्टूबर को अपर नगरायुक्त के नेतृत्व में राजस्व विभाग एवं नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाया गया था। उस दौरान प्रभावित परिवारों ने बताया था कि कुछ नागरिकों ने संबंधित भूमि को अपना बताकर अवैध रूप से कब्जा करा दिया था। बाद में नगरायुक्त ने जिलाधिकारी की सहमति पर 13 अक्टूबर को अपर नगरायुक्त की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी में सिटी मजिस्ट्रेट, तहसीलदार (सदर) एवं उपनिबंधक गाजियाबाद शामिल थे। जांच समिति ने प्रभावित 52 परिवारों के बयान दर्ज किए हैं। संबंधित भूमि से पहले चरण में 14 भवनों को ध्वस्त किया गया था। इस कार्रवाई से प्रभावित 14 गरीब परिवारों द्वारा जिस 741 वर्ग मीटर सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया था, उसकी अनुमानित कीमत लगभग 2 करोड़ 22 लाख 30 हजार रुपए है। इसके अलावा भूमि पर भवन निर्माण की लागत लगभग एक करोड़ 28 लाख 70 हजार रुपए है। इस प्रकार कुल 3 करोड़ 51 लाख रुपए की आर्थिक क्षति हुई है। जिसकी क्षतिपूर्ति अवैध कब्जा कराने वाले व्यक्तियों से वसूलने की अपेक्षा की गई है। संबंधित भूमि पर 101 व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से मकान बनाए गए हैं। उन्हें बेदखल करने को उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा-67-1 के अंतर्गत न्यायालय तहसीलदार गाजियाबाद में वाद योजित किया गया है।

इन आरोपियों के नाम आए प्रकाश में
जांच समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कराने वालों के नाम भी खोले गए हैं। जिनमें ओम त्यागी, इन्दु त्यागी, सूरज पासवान, रजनीश चौधरी, बृजेश त्यागी, बबीता त्यागी, महेश शर्मा, अजीत सिंह एवं इंद्रपाल (मृतक) शामिल हैं। जांच समिति ने आरोपियों की सम्पत्तियों से पीड़ित व्यक्तियों की क्षतिपूर्ति कराने, आरोपियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने तथा गिरोहबद्ध एवं संगठित रूप से धोखाधड़ी कर सरकारी संपत्तियों को क्षति पहुंचाने का कृत्य करने के कारण इन्हें भू-माफिया घोषित करने की आख्या पेश की है। नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने यह जांच रिपोर्ट डीएम को भेजी है।