गाजियाबाद से गायब होंगे 1.12 लाख वाहन, जनपद की सड़कों पर घटेगा वाहनों का बोझ

-6 माह की अवधि में एनओसी नहीं लेने पर पंजीकरण होंगे निरस्त

गाजियाबाद। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा 15 साल पुराने वाहनों के संचालन पर लगाई रोक के चलते जिले में वर्ष-2016 से पहले के रजिस्टर्ड 1 लाख 12 हजार 791 वाहनों के पंजीकरण निलंबित कर दिए हैं।
एआरटीओ प्रशासन विश्वजीत प्रताप सिंह ने बताया कि जिले में वर्ष-2016 से पहले के पंजीकृत 1.12 लाख 791 वाहनों के पंजीकरण निलंबित किए गए है। इन वाहनों के लिए अगर छह माह की अवधि में एनओसी नहीं ली जाती है तो इन सभी के पंजीकरण निरस्त किए जाएंगेे। यह सभी वाहन कबाड़ माने जाएंगे। एआरटीओ ने बताया कि एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 10 साल पुराने डीजल वाहनों और पेट्रोल चलित वाहनों के संचालन पर रोक लगाई है। इसी के तहत पुराने वाहन जिले में चलने प्रतिबंधित हैं। इसमें यदि वाहन सड़क पर चलता हुआ दिखता है तो उसको सीज करते हुए भारी जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके आधार पर समय-समय पर पुराने वाहनों का पंजीकरण विभाग की ओर से निरस्त कर दिया जाता है। सड़क पर चलते वाले वाहनों की आसानी से पहचान की जा सके।

संभागीय परिवहन विभाग की ओर से दिसंबर 2020 में वर्ष-1994 से पहले के पंजीकृत 12,406 वाहनों का पंजीकरण निरस्त किया है। जबकि 9 जुलाई 2021 को वर्ष-1995 से 2001 तक पंजीकृत हुए 74,021 वाहनों का पंजीकरण निरस्त किया जा चुका हैं। इसी प्रकार परिवहन विभाग ने तीसरी बार कार्रवाई की गई है। इसके तहत वर्ष-2001 से वर्ष-2016 तक पंजीकृत 1,12,791 वाहनों का पंजीकरण निलंबित किया गया है। इन वाहन चालकों को 6 माह तक का समय दिया गया है। छह माह के भीतर वह अन्य जनपद या प्रदेश के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करा सकते हैं। इसके बाद इनका पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगा। एआरटीओ ने बताया कि जनपद में अभी तक यूपी-14ए से यूपी-14 एम तक के सभी वाहन बंद थे। यूपी-14 एन से यूपी-14 जेड एवं यूपी-14 एए से यूपी-14 एई तक की सीरिज बंद रहेंगी। इन सीरिज के वाहनों के संचालन किए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।